Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Oct, 2022 10:56 AM
खुदरा महंगाई आरबीआई के काबू से बाहर होती जा रही है। रिजर्व बैंक इसे नीचे लाने की जितनी कोशिश कर रहा है, यह उतनी ही ज्यादा पहुंच से दूर हो रही है। अगस्त में 7 फीसदी का आंकड़ा छूने के बाद अब सितंबर में खुदरा महंगाई पांच महीने के शीर्ष पर पहुंचती दिख...
बिजनेस डेस्कः खुदरा महंगाई आरबीआई के काबू से बाहर होती जा रही है। रिजर्व बैंक इसे नीचे लाने की जितनी कोशिश कर रहा है, यह उतनी ही ज्यादा पहुंच से दूर हो रही है। अगस्त में 7 फीसदी का आंकड़ा छूने के बाद अब सितंबर में खुदरा महंगाई पांच महीने के शीर्ष पर पहुंचती दिख रही है।
एक सर्वे के अनुसार, खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने से सितंबर में खुदरा महंगाई के आंकड़े अप्रैल के बाद सबसे ज्यादा हो सकते हैं। 24 इकनॉमिस्ट के बीच सर्वे में पता चला है कि सितंबर में खुदरा महंगाई की दर 7.3 फीसदी पहुंच सकती है, जो अगस्त में 7 फीसदी रही थी। हालांकि, अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जताया है कि आने वाले कुछ महीनों में महंगाई का ट्रेंड वापस ढलान पर होगा।
इस अनुमान के साथ ही यह लगातार 9वां महीना होगा जबकि खुदरा महंगाई की दर रिजर्व बैंक के तय दायरे से बाहर होगी। रिजर्व बैंक खुदरा महंगाई की दर को 6 फीसदी के अंदर सीमित रखने की कोशिश कर रहा है लेकिन फिलहाल साल 2022 में एक बार भी महंगाई उसके दायरे में नहीं आई है। इस बार के सर्वे में भी खुदरा महंगाई की दर 7.03 फीसदी से 7.50 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान है। सरकार 12 अक्तूबर को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी करेगी।
जुलाई तक घटती रही खुदरा महंगाई
महंगाई में दोबारा उछाल आने से पहले जुलाई तक लगातार गिरावट दिखी थी। अप्रैल से जुलाई तक खुदरा महंगाई की दर लगातार नीचे जा रही थी लेकिन अगस्त से दोबारा इसमें उछाल आना शुरू हो गया है। अगर पिछले साल सितंबर के आंकड़े देखें तो खुदरा महंगाई की दर 4.35 फीसदी तक चली गई थी, जो 17 महीनों में सबसे कम रहा था।
फल-सब्जी और अनाजों के बढ़ रहे दाम
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि अभी फल-सब्जियों के साथ अनाज और डिब्बा बंद खाने-पीने की वस्तुओं के दाम भी बेतहाशा बढ़ रहे हैं, जिससे सितंबर में खुदरा महंगाई के आंकड़े और ऊपर जा सकते हैं। पर्सनल प्रोडक्ट और घर में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न कैटेगरी के सामानों की कीमतों में भी तेजी से उछाल आ रहा है, जो महंगाई का दबाव बढ़ा सकता है।