Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jul, 2025 05:00 PM

भारत में महंगाई को लेकर आम लोगों को डबल राहत मिली है। पहले थोक महंगाई दर निगेटिव में (-0.13%) पहुंची और अब खुदरा महंगाई भी गिरकर 2.10% पर आ गई है, जो जनवरी 2019 के बाद यानी 78 महीनों में सबसे कम है।
बिजनेस डेस्कः भारत में महंगाई को लेकर आम लोगों को डबल राहत मिली है। पहले थोक महंगाई दर निगेटिव में (-0.13%) पहुंची और अब खुदरा महंगाई भी गिरकर 2.10% पर आ गई है, जो जनवरी 2019 के बाद यानी 78 महीनों में सबसे कम है।
खुदरा महंगाई में ऐतिहासिक गिरावट
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून 2025 में खुदरा महंगाई दर गिरकर 2.10% रही है। यह लगातार पांचवां महीना है जब खुदरा महंगाई RBI के 4% के लक्ष्य से नीचे और आठवां महीना जब यह 6% के ऊपरी सहनसीमा से कम रही।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) मई में 2.82 प्रतिशत और जून, 2024 में 5.08 प्रतिशत के स्तर पर थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बयान में कहा कि जून, 2024 की तुलना में जून, 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति 2.1 प्रतिशत रही। इसमें कहा गया, "मई, 2025 की तुलना में जून, 2025 में कुल मुद्रास्फीति में 0.72 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह जनवरी, 2019 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम है।'' इससे पहले जनवरी, 2019 में यह 1.97 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
एनएसओ ने कहा कि जून, 2025 में कुल मुद्रास्फीति एवं खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट की मुख्य वजह अनुकूल आधार प्रभाव और सब्जियों, दालों, मांस व मछली, अनाज, चीनी व कनफेक्शनी, दूध एवं उसके उत्पादों तथा मसालों की कीमतों में गिरावट रही।
खाने-पीने की चीजें सस्ती
खाद्य महंगाई दर भी गिरकर -1.06% पर आ गई है, जो मई में 0.99% थी। सब्जियां, दालें, मांस, अनाज, दूध और मसाले जैसी चीजों के दाम में गिरावट इसका बड़ा कारण हैं।
- ग्रामीण महंगाई दर: -0.92%
- शहरी महंगाई दर: -1.22%