रियल एस्टेट क्षेत्र में भरोसा मजबूत: रिपोर्ट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Apr, 2022 06:23 PM

strong confidence in real estate sector report

जमीन, दुकान और मकान क्षेत्र को लेकर धारणा मजबूत बनी हुई है। इस साल की पहली तिमाही जनवरी-मार्च में क्षेत्र में भरोसा अपने उच्च स्तर पर रहा। साथ ही आवास और वाणिज्यिक संपत्तियों की मजबूत मांग के बीच ‘भविष्य का धारणा सूचकांक'' रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया...

नई दिल्लीः जमीन, दुकान और मकान क्षेत्र को लेकर धारणा मजबूत बनी हुई है। इस साल की पहली तिमाही जनवरी-मार्च में क्षेत्र में भरोसा अपने उच्च स्तर पर रहा। साथ ही आवास और वाणिज्यिक संपत्तियों की मजबूत मांग के बीच ‘भविष्य का धारणा सूचकांक' रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में बिल्डरों को उम्मीद है कि अगले छह महीने में रियल्टी बाजार में तेजी बरकरार रहेगी। नाइट फ्रैंक-नारेडको के एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है। रियल एस्टेट धारणा सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा समय में उम्मीद नई ऊंचाई 68 अंक पर पहुंच गई। यह बताता है कि पिछले छह महीने में सभी संबंधित पक्षों के लिये अपनी कंपनियों को लेकर गतिविधियां सकारात्मक रही हैं। 

संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली नाइट फ्रैंक इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘‘भविष्य धारणा अंक 75 पर रहा, जो ऐतिहासिक रूप से काफी अच्छा है। यह सर्वे के समय से अगले छह महीने के लिये कंपनियों/निवेशकों के कारोबार को लेकर उम्मीद को बताता है।'' अंक अगर 50 से ऊपर रहता है, तो यह धारणा के सकारात्मक होने को बताता है जबकि उसके नीचे निराशा को अभिव्यक्त करता है। जबकि 50 अंक होने का मतलब है कि धारणा ‘समान' या ‘तटस्थ' है। 

नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा, ‘‘मौजूदा धारणा अंक वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 68 पहुंच गया, जो 2021 की चौथी तिमाही में 65 था। इसका कारण पिछले छह महीने रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए वृद्धि के लिहाज से सकारात्मक रहना है...।'' नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘रिहायशी बाजार में वृद्धि मजबूत रही है। इससे पूरे क्षेत्र में धारणा मजबूत हुई है। महामारी का असर कम होने के साथ अब ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को काम पर वापस बुला रही हैं, इससे दफ्तर के लिये जगह की मांग भी बढ़नी शुरू हो गई है।''

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर वैश्विक स्तर पर जारी तनाव और उसके कारण कच्चे तेल के दाम में तेजी से घरेलू बाजार में महंगाई बढ़ी है। इससे मांग पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके अलावा, आपूर्ति व्यवस्था बाधित होने और कच्चे माल की लागत में वृद्धि जैसे कारणों से स्थिति और बिगड़ी है।'' क्षेत्र के लिए स्व-नियामक निकाय नारेडको इंडिया के अध्यक्ष और रौनक समूह के निदेशक रंजन बंदेलकर ने कहा कि इस्पात और सीमेंट जैसे कच्चे माल की लागत में वृद्धि क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है। हालांकि, अगली कुछ तिमाहियों में ये चिंताएं दूर होने की उम्मीद है। 
 

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