Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Nov, 2025 12:19 PM

यूपीआई भले ही करोड़ों लोगों की पहली पसंद बन चुका हो लेकिन एटीएम से कैश निकालने की जरूरत आज भी हर किसी को पड़ती है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है कि एटीएम में पिन डालने से पहले दो बार ‘कैंसिल’ बटन दबाने से आपका पिन चोरी नहीं...
बिजनेस डेस्कः यूपीआई भले ही करोड़ों लोगों की पहली पसंद बन चुका हो लेकिन एटीएम से कैश निकालने की जरूरत आज भी हर किसी को पड़ती है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है कि एटीएम में पिन डालने से पहले दो बार ‘कैंसिल’ बटन दबाने से आपका पिन चोरी नहीं होगा और स्किमिंग मशीन बेअसर हो जाएगी। लोग इस ट्रिक को सुरक्षा फॉर्मूला बताकर आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पिछले कुछ दिनों से फेसबुक और व्हाट्सऐप पर ऐसे मैसेज छाए हुए हैं जिनमें कहा जा रहा है कि ट्रांजेक्शन से पहले 'कैंसिल' बटन दो बार दबाने से हैकर्स पकड़े जाते हैं और पिन चोरी होने का खतरा खत्म हो जाता है। दावा यह भी किया जा रहा है कि स्किमिंग डिवाइस होने पर ‘कैंसिल’ बटन इस जाल को फेल कर देता है।
PIB ने किया बड़ा खुलासा, दावा पूरी तरह फर्जी
वायरल दावे को लेकर जब लोगों में भ्रम बढ़ा तो सरकार ने खुद इस पर बयान जारी किया। पीआईबी की फैक्ट-चेक टीम ने साफ कहा कि यह दावा 100% झूठा और भ्रामक है। न तो सरकार और न ही RBI ने कभी ऐसी कोई सलाह जारी की है। RBI ने भी स्पष्ट किया कि एटीएम में ‘कैंसिल’ बटन सिर्फ एक सुविधा है, जिससे आप गलत एंट्री होने पर ट्रांजेक्शन रोक सकें। इसका पिन चोरी, हैकिंग या स्किमिंग से कोई संबंध नहीं है।
कैंसिल बटन भले न बचाए, लेकिन ये सावधानियां जरूर बचा सकती हैं
सोशल मीडिया पर दावा भले फेक हो लेकिन एटीएम धोखाधड़ी वास्तविक है। कई बार अपराधी कार्ड स्लॉट पर स्किमिंग डिवाइस लगा देते हैं या कीपैड में बदलाव कर देते हैं, जिससे कार्ड डेटा चोरी हो जाता है।
सुरक्षा के लिए क्या करें?
- कार्ड डालने से पहले स्लॉट और कीपैड को अच्छी तरह चेक करें।
- अगर कोई डिवाइस ढीला लगे या असामान्य दिखे तो उस एटीएम का उपयोग न करें।
- हर 3–6 महीने में एटीएम पिन बदलें।
- अपने फोन पर एसएमएस और ईमेल अलर्ट एक्टिव रखें।
- कार्ड खो जाए या चोरी हो जाए तो तुरंत बैंक को कॉल कर ब्लॉक कराएं।
- मशीन खराब होने या कार्ड फंसने पर किसी अनजान व्यक्ति की मदद न लें।
एटीएम धोखाधड़ी से बचाव का सबसे मजबूत तरीका सतर्कता है, न कि सोशल मीडिया पर वायरल होती भ्रामक तरकीबें।