Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jan, 2023 10:40 AM

साल 2022 घरेलू रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छी खबर के साथ शुरू हुआ था। हाउसिंग के लिए डिमांड में बढ़ोतरी देखने को मिली थी। इसके साथ कारोबारी गतिविधियों के दोबारा शुरू होने, तकनीकी विकास और डिजिटलाइजेशन से समर्थन मिला। 1 फरवरी को
नई दिल्लीः साल 2022 घरेलू रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छी खबर के साथ शुरू हुआ था। हाउसिंग के लिए डिमांड में बढ़ोतरी देखने को मिली थी। इसके साथ कारोबारी गतिविधियों के दोबारा शुरू होने, तकनीकी विकास और डिजिटलाइजेशन से समर्थन मिला। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करने वाली हैं, जहां रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बीता साल अच्छा रहा है। वहीं, बजट में तीन बड़े सुधारों से रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
कम आय वालों के लिए बेहतर रेंटल सिस्टम बनाना
महंगाई बढ़ रही है, होम लोन की ब्याज दरें आसमान को छू रही हैं, निर्माण की लागत बढ़ रही है और नौकरियों और कारोबारों के लिए बाजार धीमा है। ऐसे में, देश के कम और मध्य आय वाले लोगों के लिए किफायती घर की संभावना दूर होती जा रही है। ऐसे में, सरकार बजट में रेंटल मार्केट को बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ सुधारों को लागू कर सकती है। जिससे उन लोगों के लिए विकल्प मिले, जो घर खरीदने से सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा सेक्टर को HRA में टैक्स छूट में बढ़ोतरी, रेंटल इनकम पर फुल टैक्स रिबेट की इजाजत देने जैसे कदमों की भी उम्मीद है।
जहां बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों ने वैश्विक बाजार को देखते हुए ग्रीन बिजनेस मॉडल को अपनाया है। वहीं, ज्यादातर छोटे और मध्य साइज के डेवलपर्स ज्यादा लागत की वजह से इससे दूर हैं। इस साल के बजट से इसमें बड़ा बदलाव किया जा सकता है। नीति को सख्त बनाया जा सकता है, सर्टिफिकेशन और सरकारी इंसेंटिव से जुड़े कदम उठाए जा सकते हैं। हालांकि, इस बदलाव के पीछे मुख्य वजह घर खरीदार वर्क फ्रॉम होम के बाद लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने पर फोकस कर रहे हैं। ग्राहक ऐसे घरों के लिए जेब ढीली करने को तैयार हैं, जहां उन्हें ग्रीन स्पेस, ज्यादा साफ हवा मिले।
छोटे शहरों में सेक्टर को डेवलप करने के लिए ढांचागत सुधार
सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी को डेवलप करने के लिए मल्टीमोडल प्लान्स का प्रस्ताव किया है। इसमें सड़क, राजमार्ग, रेलवे, एयरपोर्ट और पोर्ट्स शामिल हैं। ऐसे में इससे छोटे शहरों और कस्बों में सेक्टर के विकास की संभावना बढ़ती है। इसके लिए सरकार बजट में कुछ ऐलान कर सकती है।