Gold Price Alert: सोना खरीदने वालों के लिए बेहद अहम खबर, कीमतों को लेकर बड़ा अलर्ट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 May, 2025 12:13 PM

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भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। कुछ ही हफ्तों पहले 1 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर को छूने वाला सोना अब ₹92,000 प्रति 10 ग्राम तक लुढ़क गया है। यह गिरावट केवल घरेलू बाजार तक सीमित नहीं है- अंतरराष्ट्रीय बाजार...

बिजनेस डेस्कः भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। कुछ ही हफ्तों पहले 1 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर को छूने वाला सोना अब ₹92,000 प्रति 10 ग्राम तक लुढ़क गया है। यह गिरावट केवल घरेलू बाजार तक सीमित नहीं है- अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना फिसला है।

अप्रैल 2024 में सोना जहां $3,500 प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था, वहीं अब यह घटकर $3,140 प्रति औंस पर आ गया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक ट्रेड वॉर की तीव्रता में कमी और सुरक्षित निवेश के विकल्पों की मांग में गिरावट इसके पीछे बड़ी वजह है।

क्या निवेशकों को और झेलनी पड़ेगी गिरावट?

मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि यह गिरावट अभी रुकने वाली नहीं है। जो रिटर्न 2024 और 2025 की शुरुआत में सोने ने दिए, वैसा प्रदर्शन आगे देखने को मिलना मुश्किल है। हालांकि, लंबी अवधि में सोने को अब भी एक स्थिर और भरोसेमंद निवेश विकल्प माना जा रहा है।

इतिहास दोहराएगा खुद को?

ऑल बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल ने बताया कि 2013 की तरह अगर बाजार के हालात बने, तो सोने की कीमत में और बड़ी गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि सोना $3,230 प्रति औंस से गिरकर $1,820 प्रति औंस तक आ सकता है। ऐसे में भारत में सोने की कीमतें ₹55,000 से ₹60,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं।

इन 5 कारणों से सोने की चमक पड़ गई फीकी

सोने की कीमतों में हालिया गिरावट केवल सामान्य उतार-चढ़ाव नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई वैश्विक और क्षेत्रीय आर्थिक बदलाव जिम्मेदार हैं। जानिए वो 5 प्रमुख कारण, जिनकी वजह से सोने का ट्रेंड तेजी से बदल रहा है:

1. भारत-पाक तनाव में नरमी ने बदली धारणा

12 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद क्षेत्रीय भू-राजनीतिक तनाव कम हुआ। इससे निवेशकों ने सुरक्षित निवेश (जैसे सोना) से दूरी बनानी शुरू की, जिससे मांग घटी और कीमतों में गिरावट आई।

2. अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल

अमेरिका में 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड बढ़कर 4.5% से ऊपर पहुंच गई है। इससे डॉलर मजबूत हुआ, जिससे सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगा हो गया और वैश्विक मांग घटने लगी।

3. अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में राहत

अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ में कटौती पर बनी सहमति से वैश्विक व्यापार तनाव कम हुआ है। अब निवेशक जोखिमभरी संपत्तियों की ओर लौट रहे हैं, जिससे सोने की मांग और कीमतें प्रभावित हुईं।

4. मुनाफावसूली ने डाला दबाव

अप्रैल 2025 में सोना ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद निवेशकों ने प्रॉफिट बुकिंग शुरू की, जिससे बाजार में बिकवाली बढ़ी और भाव नीचे आने लगे।

5. शेयर बाजारों की रफ्तार

दुनियाभर के इक्विटी मार्केट्स में तेजी ने निवेशकों को आकर्षित किया है। निवेशक अब सोने से पैसा निकालकर शेयरों में निवेश कर रहे हैं, जिससे सोने की डिमांड कमजोर पड़ी और दाम गिरने लगे।
 

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