ईंधन कीमतों में गिरावट से अप्रैल में थोक महंगाई दर घटकर 0.85% पर पहुंची

Edited By Updated: 14 May, 2025 12:24 PM

wholesale inflation rate falls to 0 85 in april due to fall in fuel prices

भारत की थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल 2025 में घटकर 0.85 प्रतिशत रह गई, जो मार्च 2025 में 2.05 प्रतिशत थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से ईंधन और प्राथमिक...

बिजनेस डेस्कः भारत की थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल 2025 में घटकर 0.85 प्रतिशत रह गई, जो मार्च 2025 में 2.05 प्रतिशत थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से ईंधन और प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में कमी के कारण हुई है। हालांकि, निर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर) ने अपनी मजबूती बनाए रखी, जिससे समग्र मुद्रास्फीति पर संतुलन बना रहा।

क्या है थोक महंगाई दर?

थोक मूल्य सूचकांक (WPI) वह आर्थिक संकेतक है जो बड़ी मात्रा में बिकने वाले सामानों की औसत कीमतों में बदलाव को मापता है। यह कृषि, खनन और निर्माण जैसे क्षेत्रों में आपूर्ति और मांग के रुझानों को दर्शाता है।

खुदरा महंगाई दर भी आई गिरावट

मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति भी अप्रैल 2025 में घटकर 3.16 प्रतिशत रह गई, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है।

इस गिरावट की प्रमुख वजह खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी रही। गंभीर गर्मी के बावजूद बेहतर फसल उत्पादन ने सब्जियां, दालें, फल, मांस-मछली, अनाज और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखा।

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