Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Dec, 2025 03:32 PM

भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार, 29 दिसंबर को जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला। शुरुआती तेजी के बाद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में फिसल गए। सेंसेक्स 345 अंक गिरकर 84,695 के स्तर पर बंद हुआ, निफ्टी में भी 100 अंक की गिरावट रही, ये 25,942 के...
बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार, 29 दिसंबर को जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला। शुरुआती तेजी के बाद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में फिसल गए। सेंसेक्स 345 अंक गिरकर 84,695 के स्तर पर बंद हुआ, निफ्टी में भी 100 अंक की गिरावट रही, ये 25,942 के स्तर पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने बाजार की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया।
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 0.50 फीसदी तक गिर गए। आईटी, बैंकिंग, पावर और रियल्टी शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला।
इन 5 वजहों से बाजार में आई गिरावट
1. साल के आखिरी दिनों में कम ट्रेडिंग वॉल्यूम
साल के अंत में छुट्टियों के चलते बाजार में निवेशकों की भागीदारी कम रही। दिसंबर में निफ्टी-50 का औसत दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम घटकर करीब 25 करोड़ शेयर रह गया, जो नवंबर में 30 करोड़ शेयर था। विशेषज्ञों का कहना है कि कम वॉल्यूम के कारण बाजार में तेजी टिक नहीं पाती।
2. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को 317.56 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यह लगातार चौथा दिन रहा जब एफआईआई ने शुद्ध रूप से बिकवाली की, जिससे बाजार पर दबाव बना रहा।
3. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल 1.04 फीसदी चढ़कर 61.27 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। कच्चा तेल महंगा होने से भारत का आयात बिल बढ़ता है और महंगाई की चिंता भी बढ़ती है, जिसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता है।
4. कमजोर वैश्विक संकेत
अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को सपाट बंद हुए, जबकि सोमवार सुबह अमेरिकी फ्यूचर्स भी सुस्त रहे। एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स गिरावट के साथ कारोबार करता नजर आया, जिससे घरेलू बाजार की धारणा कमजोर हुई।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट वी.के. विजयकुमार ने कहा कि बाजार में बड़ी तेजी के लिए किसी मजबूत ट्रिगर की जरूरत है, जैसे भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर स्पष्टता। फिलहाल ऐसी कोई ठोस खबर नहीं है, इसलिए बाजार में कंसोलिडेशन जारी रह सकता है। उन्होंने निवेशकों को इस दौर में अच्छी क्वालिटी के लार्जकैप शेयरों में धीरे-धीरे निवेश की सलाह दी।
5. रुपए में कमजोरी
सोमवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 5 पैसे गिरकर 89.95 के स्तर पर आ गया। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और शेयर बाजार की कमजोरी का असर रुपए पर भी साफ दिखा।