Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jun, 2025 11:08 AM

आम जनता के लिए अच्छी खबर आ सकती है, क्योंकि होम लोन, कार लोन और अन्य रिटेल लोन की ईएमआई में कटौती की संभावना जताई जा रही है। बीते 6 महीने में केंद्रीय बैंक RBI ऐसा दो बार कर चुका है और अब 6 जून को इस बारे में एक बड़ा फैसला करने जा रहा है। भारतीय...
बिजनेस डेस्कः आम जनता के लिए अच्छी खबर आ सकती है, क्योंकि होम लोन, कार लोन और अन्य रिटेल लोन की ईएमआई में कटौती की संभावना जताई जा रही है। बीते 6 महीने में केंद्रीय बैंक RBI ऐसा दो बार कर चुका है और अब 6 जून को इस बारे में एक बड़ा फैसला करने जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली बैठक 4 से 6 जून तक होने जा रही है, जिसमें ब्याज दरों को लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने इससे पहले फरवरी और अप्रैल में एमपीसी की बैठक की थी। तब दोनों बार रेपो रेट 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की गई थी।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि विकास की गति धीमी है और महंगाई भी काबू में है। ऐसे में RBI के पास मौद्रिक नीति को और आसान बनाने का मौका है।
तीसरी बार कम होगी ब्याज दर
RBI के इस बार भी अपने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने की उम्मीद है। इसकी वाजिब वजह भी है। देश में एवरेट रिटेल महंगाई दर 4 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। ये आरबीआई के टारगेट के हिसाब से है, इसलिए नीतिगत ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार कटौती की उम्मीद बढ़ गई है। इसके अलावा अमेरिका की ओर से टैरिफ वॉर शुरू किए जाने के बाद वहां पर इंपोर्ट टैक्स बढ़ गया है। ये भारत जैसी एक्सपोर्ट इकोनॉमी के लिए थोड़ा नुकसानदायक है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
बैंक ऑफ बड़ोदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस का कहना है, ”हमारा मानना है कि महंगाई की नरम स्थिति और आरबीआई के विभिन्न उपायों के माध्यम से कैश फ्लो की स्थिति को बहुत सहज बनाए जाने के चलते, एमपीसी छह जून को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगी। वृद्धि और महंगाई, दोनों के लिए ये कटौती अहम होगी।”
रेटिंग एजेंसी इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के बड़े हिस्से के लिए सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) महंगाई चार प्रतिशत तक रहने के अनुमान के चलते, एमपीसी मौद्रिक नीति में ढील जारी रख सकती है।