Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 26 Mar, 2023 07:06 PM
हरियाणा में भाजपा कार्यकत्र्ताओं और आम जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर रहने वाले गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अब जनता दरबार नहीं लगाएंगे। विज ने यह फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा प्रदेश के अफसरों को हर रोज 2 घंटे जन सुनवाई करने के आदेशों के...
चंडीगढ़,(पांडेय): हरियाणा में भाजपा कार्यकत्र्ताओं और आम जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर रहने वाले गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अब जनता दरबार नहीं लगाएंगे। विज ने यह फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा प्रदेश के अफसरों को हर रोज 2 घंटे जन सुनवाई करने के आदेशों के बाद लिया है। विज ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह आदेश स्वागत योग्य है। ऐसा आदेश वह बहुत समय से चाहते थे और अब उनकी यह मांग पूरी हो गई है। लिहाजा अब शनिवार को उनके द्वारा अम्बाला में लगाए जाने वाला जनता दरबार नहीं लगाया जाएगा, परंतु उनके हलके अम्बाला के लोगों की समस्याओं का निदान किया जाएगा। विज इन दिनों मारीशस की पांच दिवसीय निजी यात्रा पर हैं।
बता दें कि गत दिनों मुख्यमंत्री की ओर से भाजपा कार्यकत्र्ताओं और आम जनता की समस्याएं अब उनके गृह जिलों में ही सुनने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अब हर रोज 2 घंटे सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक जनता से रूबरू होने के आदेश दिए हैं। इस दौरान सरकार की ओर से इन 2 घंटों में कोई वीडियो कांफ्रैंस और बैठक आयोजित नहीं करने को कहा गया है।
-जनता दरबार में आधी रात तक सुनवाई करते रहे हैं विज
गृह मंत्री अनिल विज के जनता दरबार की प्रदेश भर में चर्चा है। इस साप्ताहिक दरबार में 5 से 6 हजार तक प्रार्थना पत्र आते रहे हैं। कई बार विज का जनता दरबार आधी रात तक चलता रहा है। बीते माह तो रात एक बजे गृह मंत्री ने फरियादियों की सुनवाई करते हुए उनकी समस्याओं का निदान किया। विज के जनता दरबार से पुलिस के आला अधिकारी भी दुखी हो गए थे। कई बार आधी रात में भी गृह मंत्री ने कई जिलों के एस.पी. को फोन कर फटकार लगाई थी। उनके जनता दरबार की गूंज भाजपा हाईकमान तक पहुंची थी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा तथा प्रदेशाध्यक्ष ओ.पी. धनखड़ ने खुले मंच से तारीफ की थी। कई बार तबियत खराब होने के बाद भी विज ने फरियादियों की समस्याएं सुनीं।
-कार्यकत्र्ताओं के फीडबैक पर मुख्यमंत्री ने अफसरों पर कसी नकेल
भाजपा संगठन और कार्यकत्र्ताओं के फीडबैक पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अफसरों पर सख्ती करनी शुरू कर दी है। बताया गया कि गत दिनों मुख्यमंत्री को कई जिलों के कार्यकत्र्ताओं ने अफसरों द्वारा सुनवाई नहीं करने की शिकायत की गई थी। जिसके बाद ही मुख्यमंत्री ने अफसरों को रोजाना दो घंटे सुनवाई करने और कार्यकत्र्ताओं के उचित काम को तत्काल प्रभाव से करने के आदेश दिए हैं।