Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Nov, 2023 08:09 AM
कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु की कामना हेतु करवाचौथ का व्रत रखती हैं
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Karwa Chauth 2023: कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु की कामना हेतु करवाचौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती, श्री गणेश, श्री कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा का विधान है।
Karva chauth vrat vidhi: ऐसे रखें पारम्परिक विधि से व्रत
प्रात: काल सूर्योदय से पूर्व उठ कर स्नान करके यह संकल्प बोल कर करवाचौथ व्रत का आरंभ करें :
‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।’
पति, पुत्र तथा पौत्र के सुख एवं सौभाग्य की कामना की इच्छा का संकल्प लेकर निर्जल व्रत रखें। भगवान शिव, पार्वती, गणेश एवं कार्तिकेय की प्रतिमा या चित्र का पूजन करें। बाजार में मिलने वाला करवाचौथ का चित्र या कैलेंडर पूजा स्थान पर लगा लें। चंद्रोदय पर अर्घ्य दें। पूजा के बाद तांबे या मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल भरें। सुहाग की सामग्री में कंघी, सिंदूर, चूडिय़ां, रिबन तथा रुपए आदि रख कर दान करें। सास के चरण छू कर आशीर्वाद लें और फल, फूल, मेवा, मिष्ठान, सुहाग सामग्री, 14 पूरियां तथा खीर आदि उन्हें भेंट करें। विवाह के प्रथम वर्ष तो यह परम्परा सास के लिए अवश्य निभाई जाती है। इससे सास-बहू का रिश्ता और मजबूत होता है।
Karva chauth mantra: करवा चौथ व्रत पूजा के मंत्र
पार्वतीजी का मंत्र - ॐ शिवायै नमः
शिव का मंत्र - ॐ नमः शिवाय
स्वामी कार्तिकेय का मंत्र - ॐ षण्मुखाय नमः
श्रीगणेश का मंत्र - ॐ गणेशाय नमः
चंद्रमा का पूजन मंत्र - ॐ सोमाय नमः