Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Sep, 2025 07:17 AM

Bhuvaneshwari Jayanti Upay 2025: भुवनेश्वरी जयंती देवी भुवनेश्वरी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। हर साल परिवर्तिनी एकादशी यानि जल झुलनी एकादशी के अगले दिन भुवनेश्वरी जयंती मनाए जाने का विधान है। देवी भुवनेश्वरी को दशमहाविद्या में चौथा...
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Bhuvaneshwari Jayanti Upay 2025: भुवनेश्वरी जयंती देवी भुवनेश्वरी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। हर साल परिवर्तिनी एकादशी यानि जल झुलनी एकादशी के अगले दिन भुवनेश्वरी जयंती मनाए जाने का विधान है। देवी भुवनेश्वरी को दशमहाविद्या में चौथा स्थान प्राप्त है। वे संपूर्ण सृष्टि की अधिष्ठात्री, जगतजननी और त्रैलोक्य की शासक मानी जाती हैं। इनका स्वरूप शांत, करुणामयी और कृपालु है। इन्हें भुवन की ईश्वरी अर्थात जगत की अधीश्वरी कहा जाता है। भुवनेश्वरी जयंती साधकों और गृहस्थ दोनों के लिए कल्याणकारी है। यह दिन देवी की कृपा पाने और जीवन को स्थिरता, सुख और आध्यात्मिकता से भरने का अवसर है।

मां भुवनेश्वरी आदि शक्ति का रूप हैं, इनके द्वारा ही समस्त ब्रह्मांड का जीवन चलता है। माता भुवनेश्वरी सारे जगत को चलाने वाली परम सत्ता हैं। इनके मस्तक पर विराजित चंद्रमा से इनकी आभा प्रकाशमय रहती है। भुवनेश्वरी का अर्थ सारे ब्रह्मांड पर राज करने वाली देवी से है। इनकी आज्ञा से ही समस्त सृष्टि चलती है, पूरा ब्रह्मांड उनके ही शरीर का स्वरूप है। ये भगवान शंकर की इष्ट देवी हैं, उनके समान ही इनके तीन नेत्र हैं। चार भुजाओं वाली देवी के चारों हाथ अलग-अलग मुद्राओं में हैं। वरद मुद्रा एवं अंकुश मुद्रा भक्तों की रक्षा करती हैं और आशीर्वाद देती हैं, जबकि बाकि दो हाथ पाश मुद्रा एवं अभय मुद्रा में होते हैं।

Do these remedies on Bhuvaneshwari Jayanti भुवनेश्वरी जयंती पर करें ये उपाय
देवी को लाल चावल और गुड़ अर्पित करें आय, संपत्ति और व्यवसाय में वृद्धि होगी।
वाणी में मधुरता और सौंदर्य में आकर्षण बढ़ाने के लिए ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः मंत्र का 5 माला जाप करें।
भुवनेश्वरी जयंती के दिन शुभ मुहूर्त में घर अथवा कार्य स्थल पर भुवनेश्वरी यंत्र स्थापित करके प्रतिदिन दीप जलाएं। इस यंत्र में हर बुरी बला का नाश करने की शक्ति है।

किसी भी तरह के रोग को मात देने के लिए देवी भुवनेश्वरी को गुलाब की माला अर्पित करें।
एकांत में भुवनेश्वरी कवच का पाठ करें, आध्यात्मिक उन्नति का इससे अच्छा और सरल साधन मिलना थोड़ा मुश्किल है।
त्रैलोक्य मंगल कवचम्, भुवनेश्वरी कवच, श्री भुवनेश्वरी पंजर स्तोत्रम का पाठ करें।
कंजक पूजन करें।
