Edited By Prachi Sharma,Updated: 30 Aug, 2025 07:00 AM

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, न केवल एक महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे बल्कि एक असाधारण रणनीतिकार और कूटनीतिज्ञ भी थे। उनकी लिखी चाणक्य नीति आज भी न केवल राजनीति बल्कि जीवन, संबंध और...
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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, न केवल एक महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे बल्कि एक असाधारण रणनीतिकार और कूटनीतिज्ञ भी थे। उनकी लिखी चाणक्य नीति आज भी न केवल राजनीति बल्कि जीवन, संबंध और शत्रु नीति में मार्गदर्शन प्रदान करती है। चाणक्य मानते थे कि चाहे व्यक्ति कमजोर हो या ताकतवर, यदि वह बुद्धिमानी, धैर्य और सही रणनीति अपनाए, तो वह अपने सबसे शक्तिशाली शत्रु को भी जड़ से समाप्त कर सकता है। चाणक्य नीति में शत्रु के विनाश के लिए कुछ ऐसे सिद्धांत बताए गए हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं।
शत्रु को कभी हल्के में न लें
शत्रु के प्रति अत्यधिक दया या स्नेह नहीं दिखाना चाहिए। कई बार लोग सोचते हैं कि दया दिखाकर वे शत्रु को सुधार सकते हैं, लेकिन चाणक्य इसे खतरनाक मानते हैं। शत्रु को हमेशा एक संभावित खतरे की दृष्टि से देखना चाहिए।
शत्रु की कमजोरी को पहचानो
पहले शत्रु की आर्थिक, सामाजिक, मानसिक या सैन्य कमजोरी का अध्ययन करो, फिर योजना बनाओ। चाहे आप कमजोर हों या ताकतवर, यदि आपने शत्रु की असली कमजोरी पहचान ली, तो विजय सुनिश्चित है।

भीतर से तोड़ो, बाहर से नहीं
शत्रु को बाहरी हमले से खत्म करना कठिन हो सकता है, खासकर जब आप स्वयं कमजोर हों। चाणक्य सुझाते हैं कि शत्रु को भीतर से तोड़ना अधिक प्रभावी होता है।
