Chaturmas 2021: ये छोटे-छोटे काम करने से मिलते हैं ढेरों पुण्य

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Jul, 2021 08:06 AM

chaturmas

जिन दिनों में भगवान विष्णु शयन करते हैं, उन चार महीनों को चातुर्मास एवं चौमासा भी कहते हैं। देवशयनी एकादशी से हरिप्रबोधनी एकादशी तक चातुर्मास चलेगा, एकादशी से एकादशी तक

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chaumasa 2021: जिन दिनों में भगवान विष्णु शयन करते हैं, उन चार महीनों को चातुर्मास एवं चौमासा भी कहते हैं। देवशयनी एकादशी से हरिप्रबोधनी एकादशी तक चातुर्मास चलेगा, एकादशी से एकादशी तक का चातुर्मास 20 जुलाई से शुरु होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलेगा। जो 15 नवंबर को है। इन चार महीनों में विभिन्न धार्मिक कर्म करने पर मनुष्य को विशेष पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है क्योंकि इन दिनों में किसी भी जीव की ओर से किया गया कोई भी पुण्यकर्म खाली नहीं जाता। वैसे तो चातुर्मास का व्रत देवशयनी एकादशी से शुरु होता है परंतु द्वादशी, पूर्णिमा, अष्टमीं और कर्क की सक्रांति से भी यह व्रत शुरु किया जा सकता है। एकादशी के दिन भगवान का पीले वस्त्रों से श्रृंगार करें तथा सफेद रंग की शैय्या पर सफेद रंग के ही वस्त्र द्वारा ढककर उन्हें शयन कराएं।

PunjabKesari chaturmas
Importance Of  Chaumasa चार्तुमास के विभिन्न कर्मों का पुण्य फल-
पदमपुराण के अनुसार जो मनुष्य इन चार महीनों में मंदिर में झाडू लगाते हैं तथा मंदिर को धोकर साफ करते है, कच्चे स्थान को गोबर से लीपते हैं, उन्हें सात जन्म तक ब्राह्मण योनि मिलती है।

जो भगवान को दूध, दही, घी, शहद, और मिश्री से स्नान कराते हैं, वह संसार में वैभवशाली होकर स्वर्ग में जाकर इन्द्र जैसा सुख भोगते हैं।

धूप, दीप, नैवेद्य और पुष्प आदि से पूजन करने वाला प्राणी अक्षय सुख भोगता है।

PunjabKesari Chaturmas
तुलसीदल अथवा तुलसी मंजरियों से भगवान का पूजन करने, स्वर्ण की तुलसी ब्राह्मण को दान करने पर परमगति मिलती है।

गूगल की धूप और दीप अर्पण करने वाला मनुष्य जन्म-जन्मांतरों तक धनाढ्य रहता है।

PunjabKesari Chaturmas

पीपल का पेड़ लगाने, पीपल पर प्रति दिन जल चढ़ाने, पीपल की परिक्रमा करने, उत्तम ध्वनि वाला घंटा मंदिर में चढ़ाने, ब्राह्मणों का उचित सम्मान करने, किसी भी प्रकार का दान देने, कपिला गो का दान, शहद से भरा चांदी का बर्तन और तांबे के पात्र में गुड़ भरकर दान करने, नमक, सत्तू, हल्दी, लाल वस्त्र, तिल, जूते, और छाता आदि का यथाशक्ति दान करने वाले जीव को कभी भी किसी वस्तु की कमी जीवन में नहीं आती तथा वह सदा ही साधन-सम्पन्न रहता है।

जो व्रत की समाप्ति यानि उद्यापन करने पर अन्न, वस्त्र और शैय्या का दान करते हैं वह अक्षय सुख को प्राप्त करते हैं तथा सदा धनवान रहते हैं।

वर्षा ऋतु में गोपीचंदन का दान करने वालों को सभी प्रकार के भोग एवं मोक्ष मिलते हैं।

जो नियम से भगवान श्री गणेश जी और सूर्य भगवान का पूजन करते हैं वह उत्तम गति को प्राप्त करते हैं तथा जो शक्कर का दान करते हैं उन्हें यशस्वी संतान की प्राप्ति होती है।

माता लक्ष्मी और पार्वती को प्रसन्न करने के लिए चांदी के पात्र में हल्दी भर कर दान करनी चााहिए तथा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बैल का दान करना श्रेयस्कर है।

PunjabKesari chaturmas

चातुर्मास में फलों का दान करने से नंदन वन का सुख मिलता है।

जो लोग नियम से एक समय भोजन करते हैं, भूखों को भोजन खिलाते हैं, स्वयं भी नियमवद्घ होकर चावल अथवा जौं का भोजन करते हैं, भूमि पर शयन करते हैं, उन्हें अक्षय कीर्ति प्राप्त होती है।

चार्तुमास में आंवले से युक्त जल से स्नान करना तथा मौन रहकर भोजन करना श्रेयस्कर है।

PunjabKesari chaturmas

 

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!