Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Oct, 2025 03:17 PM

Chhath Puja Vastu Tips 2025: छठ व्रत हिन्दू धर्म का अत्यंत पवित्र पर्व है, जिसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की आराधना के लिए प्रसिद्ध है। सूर्य देव जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के...
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Chhath Puja Vastu Tips 2025: छठ व्रत हिन्दू धर्म का अत्यंत पवित्र पर्व है, जिसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की आराधना के लिए प्रसिद्ध है। सूर्य देव जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सूर्य पूजा करते समय सही दिशा का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूजा के प्रभाव को बढ़ाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

छठ व्रत में सूर्य पूजा करते समय पूर्व दिशा सर्वोत्तम है। इसके साथ उत्तर दिशा का उपयोग भी लाभकारी है। वास्तु के अनुसार सही दिशा में पूजा करने से जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। इस तरह छठ व्रत न केवल धार्मिक रूप से बल्कि वास्तु दृष्टि से भी अत्यंत फलदायी माना जाता है।

The importance of directions according to Vastu Shastra वास्तु के अनुसार दिशाओं का महत्व
East Direction पूर्व दिशा
वास्तु के अनुसार, सूर्य पूजन के लिए पूर्व दिशा सर्वोत्तम मानी जाती है। पूर्व दिशा से सूर्योदय होता है इसलिए इस दिशा में सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में सफलता, स्वास्थ्य और मन की शांति प्राप्त होती है। छठ व्रती नदी, तालाब या घर के खुले स्थान में पूजन करते समय हमेशा मुख पूर्व की ओर करके खड़े रहें या बैठें।
North Direction उत्तर दिशा
यदि पूजन स्थल पूर्व दिशा के साथ-साथ उत्तर दिशा की ओर भी खुला है तो धन और समृद्धि का आगमन बढ़ता है। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि उत्तर दिशा में जल या अर्घ्य अर्पित करना लाभकारी होता है। उत्तर दिशा से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और परिवार में सौभाग्य और खुशहाली आती है।
South Direction दक्षिण दिशा
दक्षिण दिशा का उपयोग सूर्य पूजा के दौरान संयमित रूप से किया जा सकता है। वास्तु के अनुसार, दक्षिण दिशा को सूर्य पूजन के लिए प्राथमिक नहीं माना गया है क्योंकि यह ऊर्जा को स्थिर करने में कम प्रभावी होती है।
West Direction पश्चिम दिशा
पश्चिम दिशा में सूर्य पूजा करना वास्तु में कम शुभ माना गया है। यदि नदी या तालाब पश्चिम में है, तो व्रती पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके ही अर्घ्य दें।

Vastu tips for Sun worship सूर्य पूजा के दौरान वास्तु सुझाव
पूजा स्थल हमेशा स्वच्छ और खुला होना चाहिए।
घर के अंदर पूजन करते समय मूर्तियों या चित्रों को पूर्व की ओर मुंह करके रखें।
नदी, तालाब या जल स्रोत के पास अर्घ्य देने का स्थान मुख पूर्व या उत्तर हो।
दीपक और जल की व्यवस्था पूर्व दिशा में करें।
पूजा के समय हाथ में केवल आवश्यक सामग्री रखें, जिससे ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो।
