Diwali in Ayodhya 2025: राम की नगरी में इस बार की दिवाली होगी खास, reusable दीपों से सजेंगी गलियां और घाट

Edited By Updated: 17 Sep, 2025 07:42 AM

diwali in ayodhya 2025

Diwali 2025: इस साल दिवाली पर अयोध्या एक ऐसा नज़ारा पेश करने जा रही है जो न केवल भव्य होगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी देगा। दीपोत्सव 2025 के दौरान जब राम जन्मभूमि 26 लाख दीपों की रौशनी में नहाएगी

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Diwali 2025: इस साल दिवाली पर अयोध्या एक ऐसा नज़ारा पेश करने जा रही है जो न केवल भव्य होगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी देगा। दीपोत्सव 2025 के दौरान जब राम जन्मभूमि 26 लाख दीपों की रौशनी में नहाएगी, तब उसमें से 5 लाख दीपक ऐसे होंगे जो गाय के गोबर और औषधीय सामग्रियों से तैयार किए गए हैं। ये दीपक न केवल दिखने में खास हैं, बल्कि कई बार जलाए जा सकने वाले, टिकाऊ और पूरी तरह प्राकृतिक भी हैं।

जयपुर की महिलाओं की मेहनत से मिल रही है दिवाली को नई पहचान
इन खास दीपकों को तैयार करने का जिम्मा राजस्थान के जयपुर से आईं लगभग 50 महिलाओं ने संभाला है। ये महिलाएं जयपुर की पांच अलग-अलग स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं और टोंक रोड की एक गौशाला में रोज़ाना हज़ारों दीपक बना रही हैं। "माता रानी स्वयं सहायता समूह" से जुड़ी महिलाएं दिनभर में करीब 5,000 गोमय दीपक तैयार कर रही हैं। एक दीपक को बनाने में सिर्फ 1 से 2 मिनट का समय लगता है, लेकिन उसका असर लम्बे समय तक रहता है।

ये दीपक सिर्फ जलने के लिए नहीं – ये हैं प्रकृति के रक्षक
इन दीपकों की सबसे अनोखी बात यह है कि ये टूटते नहीं, दोबारा इस्तेमाल किए जा सकते हैं, और जलने के बाद भी इनका महत्व बना रहता है। इन्हें मिट्टी में मिलाने पर ये खाद का काम करते हैं – यानी ये दीपक न केवल रौशनी देंगे, बल्कि मिट्टी को पोषण और पर्यावरण को सहेजने का काम भी करेंगे।

पंचगव्य की परंपरा, आधुनिक सोच के साथ
गाय के गोबर, घी, और औषधीय सामग्रियों से बने ये दीपक भारतीय परंपरा में वर्णित "पंचगव्य" की भावना को जीवंत करते हैं। ये दिवाली एक उदाहरण बनेगी कि कैसे हमारी सांस्कृतिक विरासत, विज्ञान और प्रकृति के बीच एक सुंदर संतुलन स्थापित किया जा सकता है।

 सिर्फ एक त्योहार नहीं, एक संदेश
इस बार अयोध्या का दीपोत्सव केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं होगा, बल्कि यह पूरे देश को यह संदेश देगा कि त्योहारों को मनाते समय पर्यावरण की भी चिंता की जा सकती है। जब पांच लाख गोमय दीपक रामनगरी में जल उठेंगे, तब वह दृश्य न सिर्फ दिव्य और दर्शनीय होगा, बल्कि यह भी दर्शाएगा कि भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिकता, विज्ञान और प्रकृति का अद्भुत संगम है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!