Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Nov, 2025 09:32 AM

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन राव भागवत ने रविवार को कहा कि नैतिक भ्रम, संघर्ष और शांति की कमी से जूझ रहे विश्व के लिए भगवद् गीता कालातीत मार्गदर्शन प्रदान करती है।
लखनऊ (एजैंसी) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन राव भागवत ने रविवार को कहा कि नैतिक भ्रम, संघर्ष और शांति की कमी से जूझ रहे विश्व के लिए भगवद् गीता कालातीत मार्गदर्शन प्रदान करती है।
यहां जनेश्वर मिश्र पार्क में रविवार को आयोजित दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल औपचारिकता मात्र नहीं है, बल्कि लोगों को गीता के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है।
उन्होंने कहा, ‘हम यहां इसलिए हैं क्योंकि गीता को केवल सुनाना नहीं, बल्कि उसे जीना है। इसके 700 श्लोकों को पढ़ना, मनन करना और अपने दैनिक जीवन में उतारना जरूरी है।’
कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र में अर्जुन की दुविधा और वर्तमान वैश्विक स्थिति के बीच समानताएं दर्शाते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भौतिक प्रगति के बावजूद आज विश्व भटक गया है, थक गया है और दिशाहीन है। उन्होंने कहा, ‘यहां धन और आराम तो है, लेकिन शांति नहीं है, संतोष नहीं है, नैतिक स्पष्टता नहीं है।’
भागवत ने कहा कि भारत के प्राचीन ज्ञान ने हजारों वर्षों तक विश्व का मार्गदर्शन किया है और गीता उस ज्ञान का सार है।