Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Mar, 2025 11:22 AM

Guru Pradosh Vrat: हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार 27 मार्च को गुरु प्रदोष व्रत रखा जाएगा। भगवान शिव को खुश करने के लिए इससे अच्छा मौका कोई और नहीं हो सकता। भोलेनाथ अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं। उनके दर पर...
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Guru Pradosh Vrat: हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार 27 मार्च को गुरु प्रदोष व्रत रखा जाएगा। भगवान शिव को खुश करने के लिए इससे अच्छा मौका कोई और नहीं हो सकता। भोलेनाथ अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं। उनके दर पर गया हुआ व्यक्ति हमेशा खुशियों के साथ वापिस आता है। मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी संकटों का नाश होता है। इसी के साथ बता दें कि इस दिन कुछ विशेष उपायों के द्वारा गिरिजापति को बहुत ही जल्द प्रसन्न किया जा सकता है। अगर आप भी चाहते हैं, भगवान आपकी मनचाही इच्छा को जल्दी पूरा करें तो करें ये उपाय :

Do these measures today आज करें ये उपाय
अगर कुंडली में शनि, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से परेशान हैं तो आज के दिन शाम के समय जल में काले तिल मिलाकर शिवजी को अर्घ्य दें। प्रदोष के दिन ऐसा करने से इन अशुभ ग्रहों का प्रभाव जल्द ही कम होने लगता है।
बीमारियों से ग्रस्त लोग गुरु प्रदोष व्रत के दिन काले तिल का दान करें। इस उपाय को करने से एक तो आरोग्य होने का वरदान प्राप्त होता है और साथ में शनि देव का खास आशीर्वाद आप पर बना रहता है।
अपनी इनकम में बढ़ोतरी करने के लिए आज के दिन सुबह एक मुठ्ठी काले तिल छत पर डाल दें। पक्षियों के काले तिल के सेवन से घर में खुशियों की बहार छाई रहती है और दरिद्रता दूर हो जाती है।

सुखी जीवन की चाह हर किसी को होती है। इस मनोकामना को पूर्ण करने के लिए गुरु प्रदोष पर शिव मंदिर में जाकर एक देसी घी का और एक तेल का दीपक जलाएं। इस उपाय को करने से आपके घर में सुख-शांति बरकरार रहेगी।
शत्रुओं से निजात पाने के लिए गुरु प्रदोष के दिन प्रदोष काल के समय शमी की पत्तियों को गंगाजल से धोकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। उसी समय शिव मंदिर में बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें।

Chant these mantras इन मंत्रों का करें जाप:
ॐ हौं जूं सः
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।
श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
ॐ नमो नीलकंठाय नम:
श्री महेश्वराय नम:।