Edited By Prachi Sharma,Updated: 25 Nov, 2023 03:36 PM
हकीम लुकमान का पूरा जीवन जरूरतमंदों की सहायता के लिए समर्पित था। जब उनका अंतिम समय नजदीक आया तो उन्होंने अपने बेटे को पास बुलाकर
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Inspirational Story: हकीम लुकमान का पूरा जीवन जरूरतमंदों की सहायता के लिए समर्पित था। जब उनका अंतिम समय नजदीक आया तो उन्होंने अपने बेटे को पास बुलाकर कहा, ‘‘देखो बेटा, मैंने अपना सारा जीवन दुनिया को शिक्षा देने में गुजार दिया। अब अपने अंतिम समय में मैं तुम्हें कुछ जरूरी बातें बताना चाहता हूंं। तुम एक कोयले और चंदन का एक टुकड़ा उठाकर ले लाओ।’’
बेटे को पहले तो यह बड़ा अटपटा लगा लेकिन उसने सोचा कि अब पिता का हुक्म है तो यह सब लाना ही होगा। उसने रसोई घर से कोयले का एक टुकड़ा उठाया। संयोग से घर में चंदन की एक छोटी लकड़ी भी मिल गई। वह दोनों को लेकर पिता के पास पहुंच गया।
उसे आया देख लुकमान बोले, ‘‘बेटा, अब इन दोनों चीजों को नीचे फैंक दो।
बेटे ने दोनों चीजें नीचे फैंक दी और हाथ धोने जाने लगा तो लुकमान बोले, ‘‘जरा ठहरो बेटा। मुझे अपने हाथ तो दिखाओ।’’
बेटे ने हाथ दिखाए तो वह उसका कोयले वाला हाथ पकड़ कर बोले, ‘‘देखा कोयला पकड़ते ही हाथ काला हो गया। उसे फैंक देने के बाद भी तुम्हारे हाथ में कालिख लगी रह गई।
गलत लोगों की संगति ऐसी ही होती है उनके साथ रहने पर भी दुख होता है और उनके न रहने पर भी जीवन, भर के लिए बदनामी साथ लग जाती है। दूसरी ओर सज्जनों का संग इस चंदन की लकड़ी की तरह है जो साथ रहते हैं तो दुनियाभर का ज्ञान मिलता है और उनका साथ छूटने पर भी उनके विचारों की महक जीवनभर बनी रहती है। इसलिए हमेशा अच्छे लोगों की संगति में ही रहना।’’