Jupiter Transit 2025: गुरु अतिचारी, 14 मई से वृष राशि वालों के होगी धन में वृद्धि

Edited By Updated: 05 May, 2025 03:19 PM

Jupiter Transit 2025: बृहस्पति राशि बदलने जा रहे हैं 15 मई को। यह 14 मई रात्रि को राशि बदलेंगे। इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वो 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है।

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Jupiter Transit 2025: बृहस्पति राशि बदलने जा रहे हैं 15 मई को। यह 14 मई रात्रि को राशि बदलेंगे। इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वो 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है। लेकिन इस बार गुरु की जो स्पीड है, वो लगभग 11 आर्क मिनट पर डे की स्पीड से है। वह जब गोचर करेंगे यानी कि ट्रांजिट करेंगे। नॉर्मल स्पीड में गुरु एक साल में राशि बदलते हैं। लेकिन जब गुरु की स्पीड सामान्य से ज्यादा हो जाती है, तो गुरु का राशि परिवर्तन जल्दी भी हो जाता है। ऐसा पहले 99 में हुआ था। उसके पहले 98 में हुआ था। उस समय गुरु ने एक बार राशि बदली थी 128 दिन में। दूसरी बार राशि बदली थी 134 दिन में। इस बार राशि बदल रहे हैं 158 दिन में यानी कि यह जो राशि परिवर्तन हो रहा है। यह सिर्फ 6 महीने के आसपास। लगभग 158 दिन में यानी 1/4 महीने के आसपास होगा। गुरु 15 मई को गोचर करेंगे और 18 अक्टूबर को निकल जाएंगे। फिर कर्क राशि में चले जाएंगे। 18 अक्टूबर को कर्क राशि में जाकर दोबारा वापस आएंगे क्योंकि ये वक्री हो जाएंगे। वक्री होकर फिर दोबारा वापस आएंगे मिथुन में और फिर मई तक यहीं रहेंगे। मई में 14, 15 के आसपास ही दोबारा राशि बदलेंगे। ये एक साल का पीरियड है। लेकिन पीरियड ऐसा है कि एक बार अतिचारी हो जाएंगे। अतिचारी एक्चुअली शीघ्र गति है। शीघ्र गति हो जाएंगे। शीघ्र गति होकर आगे जाएंगे। आगे जाकर फिर दोबारा रेट्रोगेट होंगे। रेट्रोगेट होकर पीछे आएंगे और फिर मिथुन में आ जाएंगे और फिर मिथुन में यहां पर रहेंगे। अगले साल मई तक। 

 गुरु क्योंकि ब्लेसिंग्स के कारक हैं।  गुरु आपकी कुंडली में 12 भाव होते हैं। 12वें भाव में से दूसरा भाव होता है धन का। पंचम होता है बुद्धि विवेक का, संतान का इसको सूत भाव कहते हैं। नवम होता है आपका भाग्य स्थान। इसे अध्यात्म भी देखा जाता है। इससे फादर की भी चर्चा की जाती है। 11वां भाव होता है आपके लाभ का यानी कि आय का। तो आठ में से चार भावों के कारक गुरु हैं। गुरु की तीन दृष्टियां हैं। गुरु एक स्थान पर जहां पर बैठते हैं उसको भी प्रभावित करते हैं। तीन दृष्टियों से भी प्रभावित करते हैं। तो आप इमेजिन करिए चार भावों के कारक एक जहां पर बैठेंगे तीन दृष्टियां देंगे यानी कि कुंडली के 12वें भाव में से आठ भावों के ऊपर गुरु का जो है वह इंपैक्ट रहता है। ऐसे में गुरु जब राशि बदलेंगे तो आपके लिए क्या लेकर आएंगे। 

सबसे पहले मेष राशि अगली राशि जिसके ऊपर इसका असर होगा। वृश्चिक राशि के लिए गुरु का गोचर होगा दूसरे भाव में। यह बहुत शुभ गोचर है। हालांकि वृश्चिक राशि शुक्र की राशि है और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु जो है। जब महादशा चलती है, तो यह अच्छी नहीं होती। उसका कारण यह है कि राशि के जातकों के लिए गुरु की मूल त्रिकोण राशि धनु है। वह आपके नाइंथ हाउस में चली जाती है। जब नाइंथ हाउस में चली जाती है, तो गुरु की महादशा या अंतरर्दशा आ जाए तो गुरु अष्टम के भी फल कर जाएंगे। यहां पर वृषभ राशि के जातकों को सिर्फ यह ध्यान रखना है कि गाड़ी थोड़ी सी धीमी चलाएं। वृषभ राशि के जातक रिसर्च के काम में चले जाएं। जो स्टूडेंट्स हैं, वो मेडिकल में एस्ट्रोलॉजी में, साइंस में कहीं रिसर्च के काम में जाएंगे तो डेफिनेटली उनको उसका अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा। 

जब यहां पर गुरु बैठे हैं वृषभ राशि के जातकों के लिए तो छठे को एक्टिव करेंगे। छठे पर गुरु की दृष्टि होगी। यदि कोई कोर्ट का मुकदमा है, तो वहां पर हो सकता है कि चीजें आपकी सेटल होनी शुरू हो जाए। यदि कोई आपके ऊपर डेप्ट है, कर्ज वाली स्थिति है, तो  आपका वो डेप्ट धीरे-धीरे थोड़ा सा निकलना शुरू हो जाए क्योंकि गुरु यहां पर धन भाव में बैठे हैं। गुरु धन भाव तो एक्टिव करेंगे। लेकिन गुरु धन भाव में बैठकर कौन सा भाव एक्टिव करेंगे। यहां पर यह ट्रायंगल एक्टिव करेंगे। इसको इकोनमिक ट्रायंगल बोलते हैं। गुरु की दृष्टि होगी आपके छठे पर, आठवें पर और 10वें पर। दसवां भाव आपका कर्म स्थान होता है और कर्म स्थान यदि गुरु के द्वारा एक्टिव है, तो गुरु की आपके ऊपर ब्लेसिंग्स हैं। निश्चित तौर पर आपका कारोबार भी चलेगा। आपकी नौकरी में भी आपकी पोजीशन अच्छी होगी और आपकी इनकम भी डेफिनेटली बढ़ेगी क्योंकि गुरु धन भाव में खुद बैठे हैं। उसी भाव के कारक हैं। वहां पर आपको निश्चित तौर पर गुरु अच्छे परिणाम जरूर देखे जाएंगे। 
वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर डेफिनेटली अच्छा होने वाला है। यदि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन खराब है। गुरु आपकी कुंडली में एथ हाउस में है। छठे भाव में है। 12वें भाव में है। गुरु राहु केतु एक्सिस में है। शनि मंगल के साथ है। गुरु सूर्य का साथ आकर अस्त बैठे हैं, तो आपको निश्चित तौर पर गुरु की रेमेडीज कुछ जरूर करनी चाहिए। 

उपाय- सबसे पहले ओम ब्रह बृहस्पताए नमः यह गुरु का बीज मंत्र है। इसको रूटीन में आप जप सकते हैं। यह आपके लिए अच्छा है। दूसरी और सबसे अच्छी रेमेडी जिसके लिए आप ज्ञान का प्रकाश भी फैलाएंगे। आप गुरु को खुश भी करेंगे क्योंकि गुरु ही ज्ञान के कारक हैं। किसी बच्चे की हेल्प कर दीजिए किसी भी तरह की स्टडी में। यह दूसरी सबसे अच्छी रेमेडी है गुरु की। क्योंकि आपने डोनेशन करनी है न तो ऐसी जगह पर करिए। जहां पर ज्ञान का प्रकाश हो। आपके लिए डेफिनेटली अच्छा हो जाएगा। वैसे तो पीली चीजों की डोनेशन कही जाती है गुरु के लिए। लेकिन गुरु का गुरु जिस चीज के कारक है। उसका यदि हम डोनेशन करते हैं, तो निश्चित तौर पर उसके आपको अच्छे फल मिलते हैं। तीसरी चीज जो आप कर सकते हैं, वो है गुरु का जो है वो फल का पेड़ लगाना। जो नॉर्मल पेड़ होता है, वो बुध से आता है। गुरु फलदार पेड़ों के कारक है। यदि आप एक पौधा लगाते हैं। खासतौर पर जो धनु राशि के हैं या जो मीन राशि के हैं एक पौधा लगाते हैं और वह फलदार पौधा है। तो वह फलदार पौधा आपको फल तो देगा ही देगा। गुरु आपको अलग से फल देंगे। मींस आप पर्यावरण की भी हेल्प कर जाएंगे। आप गुरु भी अच्छा कर जाएंगे। 

धन में वृद्धि देंगे, प्रमोशन देंगे, संतान देंगे, भाग्य जगाएंगे। तो यह एक एक पौधे से हो सकता है। वो भले ही आम का पेड़ हो, अमरूद का पेड़ हो या आपका एप्पल का कोई भी सीजनल पेड़ जहां जहां पर भी आप रहते हैं, जहां पर भी आप रहते हैं, उस इलाके का कोई भी सीजनल फ्रूट लगा लीजिए। गुरु उस उस पेड़ के कारक हैं। यह तीसरी रेमेडी है। चौथी रेमेडी रूटीन में हम जब जाते हैं मंदिर में तो मंदिर में कोई पीली चीज का दान कर सकते हैं। जो लोग पुखराज अफोर्ड कर सकते हैं, इसे पहन लें। लेकिन उसको पहनने से पहले यह ध्यान रखिएगा कि गुरु आपका सिक्स 8वें,12वें हाउस में न हो। यदि आपकी कुंडली में गुरु छठे आठवें 12व में बैठा है, तो पुखराज गलती से भी मत पहनिए। यह आपको नुकसानदायक हो सकता है। यदि गुरु केंद्र में है, त्रिकोण में है, 11वें भाव में है, तो पुखराज पहन सकते हैं। नहीं तो इसको अवॉइड कर दें।  

नरेश कुमार
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