Jupiter Transit 2025: गुरु अतिचारी, 14 मई से धनु राशि वालों अब मिलेगी प्रमोशन

Edited By Sarita Thapa,Updated: 11 May, 2025 02:43 PM

Jupiter Transit 2025: बृहस्पति राशि बदलने जा रहे हैं 15 मई को। यह 14 मई रात्रि को राशि बदलेंगे। इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वह 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है।

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Jupiter Transit 2025: बृहस्पति राशि बदलने जा रहे हैं 15 मई को। यह 14 मई रात्रि को राशि बदलेंगे। इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वह 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है। लेकिन इस बार जो गुरु की जो स्पीड है वो लगभग 11 आर्क मिनट पर डे की स्पीड से गोचर करेंगे। जब गुरु की स्पीड सामान्य से ज्यादा हो जाती है, तो गुरु का राशि परिवर्तन जल्दी भी हो जाता है। ऐसा पहले 99 में हुआ था। उसके पहले 98 में हुआ था। उस समय गुरु ने एक बार राशि बदली थी 128 दिन में। दूसरी बार राशि बदली थी 134 दिन में। इस बार राशि बदल रहे हैं 158 दिन में यानी कि यह जो राशि परिवर्तन हो रहा है। यह सिर्फ 6 महीने के आसपास होगा। लगभग 158 दिन में सवा महीने के आसपास हो सकता है। गुरु 15 मई को गोचर करेंगे।18 अक्टूबर को निकल जाएंगे। कर्क राशि में चले जाएंगे। 18 अक्टूबर को कर्क राशि में जाकर दोबारा वापस आएंगे क्योंकि यह वक्री हो जाएंगे। वक्री होकर फिर दोबारा वापस आएंगे धनु राशि में और फिर मई तक यहीं रहेंगे। मई में 14,15 के आसपास ही दोबारा राशि बदलेंगे। ये एक साल का पीरियड है। लेकिन पीरियड ऐसा है कि एक बार अतिचारी हो जाएंगे। अतिचारी एक्चुअली शीघ्र गति है। शीघ्र गति हो जाएंगे और शीघ्र गति होकर आगे जाएंगे। आगे जाकर फिर दोबारा रेट्रोगेट होंगे। रेट्रोगेट होकर पीछे आएंगे और फिर मिथुन में आ जाएंगे। धनु में यहां पर रहेंगे अगले साल मई तक। गुरु क्योंकि ब्लेसिंग्स के कारक हैं। इससे पहले एक बात समझने की जरूरत है कि गुरु कितने इंपॉर्टेंट है आपके लिए। आपकी कुंडली में 12 भाव होते हैं। 12 भाव में से दूसरा भाव धन का होता है। पंचम होता है बुद्धि विवेक का, संतान का इसको सूत भाव कहते हैं। नवम होता है आपका भाग्य स्थान। इसे अध्यात्म भी देखा जाता है। इससे फादर की भी चर्चा की जाती है। 11वां भाव होता है आपके लाभ का यानी कि आय का। आठ में से चार भावों के कारक गुरु हैं। गुरु की तीन दृष्टियां हैं। गुरु एक स्थान पर जहां पर बैठते हैं उसको भी प्रभावित करते हैं। तीन दृष्टियों से भी प्रभावित करते हैं। चार भावों के कारक एक जगह पर बैठेंगे तीन दृष्टियां देंगे यानी कि कुंडली के 12 में से आठ भावों के ऊपर गुरु का है वो इंपैक्ट रहता है।

सबसे पहले बात करेंगे धनु राशि के जातकों की। चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर अच्छा नहीं होता। शास्त्रों में यह कहा गया है कि चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर अच्छा नहीं है। लेकिन इसके बावजूद गुरु की दृष्टि अच्छी है। यहां पर गुरु की अपनी राशि धनु आपके सप्तम में आ जाएगी और गुरु उस भाव को देखेंगे। जब सप्तम एक्टिवेट है, तो यह पार्टनरशिप का भाव है। यहां से यदि आप कोई बिजनेस पार्टनरशिप करना चाहते हैं, तो डेफिनेटली वह भाव एक्टिव है। यदि शादी का समय हो गया आपकी शादी नहीं हो रही है, तो निश्चित तौर पर गुरु यहां पर गोचर के दौरान शादी का काम करवा सकते हैं। यदि आपको संतान की वेट है। आप संतान प्लानिंग कर रहे हैं लेकिन संतान हो नहीं रही है, तो यह भाव एक्टिव है क्योंकि गुरु जब आपके चंद्रमा के ऊपर से गोचर करेंगे तो आपके फिफ्थ को एक्टिव कर देंगे। यह संतान का भाव होता है।

गुरु इस भाव के कारक भी होते हैं। यहां पर गुरु बैठेंगे तो आपके नाइंथ को भी एक्टिव करेंगे। यह भाग्य स्थान होता है। तो भाग्य स्थान का एक्टिव होना इसका मतलब यह है कि आपको छोटी-छोटी बातों में भाग्य का साथ मिलना शुरू हो जाएगा। आध्यात्म की तरफ आपका ध्यान बढ़ जाएगा। चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर वैसे तो आपको पॉजिटिव करेगा। लेकिन चूंकि चंद्रमा गुरु है, वो किसी भी कुंडली में किसी भी घर में 12वें का भी प्रभाव लेकर बैठते हैं। इसलिए कहा जाता है कि गुरु जिस भाव में बैठते हैं। उस भाव की हानि करते हैं। हो सकता है कि आपके कुछ खर्चे बढ़ जाए। फौरन से यदि कोई संबंधित काम है आपका वो अटक जाए। आपको स्लीपिंग का कोई इशू हो जाए। ये चीजें थोड़ी सी आपकी गड़बड़ हो सकती हैं। धनु राशि के जातकों के लिए चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर डेफिनेटली आपको अच्छे परिणाम देकर जाएगा। जहां-जहां गुरु की दृष्टि है। वहां पर आपको उसके अच्छे परिणाम जरूर मिलेंगे। यदि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन खराब है। गुरु आपकी कुंडली में 8वें हाउस में है, छठे भाव में है, 12वें भाव में है, गुरु राहु केतु एक्सिस में है, शनि मंगल के साथ है, गुरु सूर्य के साथ आकर अस्त बैठे हैं, तो आपको निश्चित तौर पर गुरु की रेमेडीज कुछ जरूर करनी चाहिए। 

उपाय- सबसे पहले ओम ब्रह बृहस्पताए नमः यह गुरु का बीज मंत्र का जाप करें। ज्ञान से जुड़ी किसी भी चीज को बच्चों की स्टडी में दान करें या गुरु को ठीक करने के लिए पीली चीजों का दान कर सकते हैं। तीसरी रेमेडी अपने घर के आसपास कोई पेड़ लगाएं। ऐसा करने से गुरु आपको अच्छे फल देंगे। जो लोग पुखराज  पहनने के बारे में सोचत रहे हैं, वो इस बात का ध्यान रखें कि गुरु आपका सिक्स, 8वें,12वें हाउस में न हो। अगर गुरु केंद्र में है, त्रिकोण में है, 11वें भाव में है, तो पुखराज पहन सकते हैं।  

नरेश कुमार
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