Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Nov, 2022 08:34 AM
आज बुधवार, 16 नवंबर कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी पर्व मनाया जाएगा। माना जाता है कि कालभैरव भगवान शिव का अवतार हैं। कहा जाता है कि भगवान भैरव से काल भी भयभीत रहता है इसलिए
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Kalashtami 2022: आज बुधवार, 16 नवंबर कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी पर्व मनाया जाएगा। माना जाता है कि कालभैरव भगवान शिव का अवतार हैं। कहा जाता है कि भगवान भैरव से काल भी भयभीत रहता है इसलिए उन्हें कालभैरव भी कहते हैं। शास्त्रों के मतानुसार जो व्यक्ति काल भैरव की भक्ति करता है, उसके पाप स्वतः दूर हो जाते हैं और मृत्यु के पश्चात इनके भक्तों को शिवलोक में स्थान प्राप्त होता है। काल भैरव के 52 रूप माने गए हैं। उनके किसी भी रुप की अराधना करने से शनि और राहु जैसे ग्रहों को भी शांत किया जा सकता है।
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Kaal Bhairav Temple in Ujjain: भैरव बाबा को शराब बहुत प्रिय है। उज्जैन के काल भैरव मंदिर में भैरव बाबा को शराब का भोग अर्पित किया जाता है और वे बड़ी प्रसन्नता से उसे ग्रहण करते हैं। भक्त इसे कालभैरव का चमत्कार मानते हैं। कहा जाता है कि पहले लोग देसी शराब ही अर्पित करते थे परंतु अब वक्त बदलने के साथ भक्त अपनी सहूलियत के अनुसार विदेशी शराब भी अर्पित करते हैं। कहा जाता है कि यदि भैरव बाबा शराब पी लें तो भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Bhairav baba ko sharab: मान्यता है कि भैरव बाबा को शराब चढ़ाकर बड़ी आसानी से मन मांगी मुरादें पूरी की जा सकती हैं और जीवन में आ रहे कोहराम को शांत किया जा सकता है। आज रात ऐसी शराब खरीदें जिसका रंग गौ मूत्र के समान हो। सोते समय उसे अपने तकिए के पास रखें। सुबह यानि कालभैरव जयंती के दिन भैरव बाबा के मंदिर जाकर शराब को कांसे के कटोरे में डालकर आग लगा दें। राहू का प्रभाव शांत होगा। मन की इच्छाएं पूर्ण होंगी।
kaal bhairav ko prasan karne ke upay: ऐसा न कर सकें तो कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा के मंदिर में जाकर शराब की बोतल चढ़ाकर, किसी सफाई कर्मचारी को भेंट स्वरूप दें। जीवन में आ रही सभी समस्याओं का अंत होगा। आय के साधनों में बढ़ौतरी होगी।