Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Aug, 2025 06:33 AM

Lalita Saptami 2025: भाद्रपद मास (भादों) शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ललिता सप्तमी कहा जाता है। इसे सूर्य पूजा और मातृ-पूजन का विशेष दिन माना जाता है। यह दिन सूर्य उपासना और दिव्य स्त्री शक्ति (ललिता देवी) की साधना दोनों के लिए पवित्र माना जाता है।...
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Lalita Saptami 2025: भाद्रपद मास (भादों) शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ललिता सप्तमी कहा जाता है। इसे सूर्य पूजा और मातृ-पूजन का विशेष दिन माना जाता है। यह दिन सूर्य उपासना और दिव्य स्त्री शक्ति (ललिता देवी) की साधना दोनों के लिए पवित्र माना जाता है। ललिता सखी प्रेम-लीला की प्रेरक शक्ति हैं। ललिता सप्तमी देवी ललिता की कृपा प्राप्ति का पावन अवसर है। इस दिन उनकी आराधना करने से स्वास्थ्य, सौभाग्य और दिव्य प्रेम की प्राप्ति होती है।

Do this work on the day of Lalita Saptami ललिता सप्तमी के दिन करें ये काम
सूर्योदय से पूर्व स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
स्नान के बाद सूर्य अर्घ्य दें, लाल फूल, अक्षत और जल अर्पित करें।
ललिता देवी का पूजन करें, पूजा में लाल पुष्प, लाल चंदन, मिठाई, दीपक अर्पित करें।
ललिता अष्टकम या ललिता सहस्रनाम का पाठ करें।
संध्या समय फिर से सूर्य को अर्घ्य दें।

Do these special remedies on Lalita Saptami ललिता सप्तमी पर करें ये विशेष उपाय
नेत्र दोष दूर करने हेतु उगते सूर्य को लाल पुष्प और जल अर्पित करें।
देवी ललिता को लाल चूनरी, सिंदूर और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
सुहागिन स्त्रियों को सिंदूर, चूड़ी और वस्त्र दान करने से सौभाग्य और वैवाहिक सुख मिलता है।

7 बेर के पत्ते जल में प्रवाहित करें और प्रार्थना करें, किसी भी तरह के कष्ट का निवारण होता है।
पितृ तृप्ति के लिए तिल, गुड़ और जल से तर्पण करना उत्तम है।
ललिता अष्टकम का पाठ करने से संसार का हर सुख प्राप्त होता है।
