Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Jan, 2022 09:42 AM
मकर संक्रांति के दिन का पौराणिक महत्व भी खूब है। सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं
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Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति के दिन का पौराणिक महत्व भी खूब है। सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने असुरों का संहार भी इसी दिन किया था।
महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह ने भी प्राण त्यागने के लिए इस समय अर्थात सूर्य के उत्तरायण होने तक प्रतीक्षा की थी। यशोदा जी ने इसी संक्रांति पर श्री कृष्ण को पुत्र रूप में प्राप्त करने का व्रत लिया था। इसके अलावा यही वह ऐतिहासिक एवं पौराणिक दिवस है जब गंगा नदी, भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए गंगासागर तक पहुंची थीं।
इस दिन पवित्र नदियों एवं तीर्थों में स्नान, दान, देव कार्य एवं मंगलकार्य करने से विशेष लाभ होता है। सूर्योदय के बाद खिचड़ी आदि बनाकर तिल के गुड़ वाले लड्डू प्रथम सूर्यनारायण को अर्पित करने चाहिएं, बाद में दानादि करना चाहिए। अपने नहाने के जल में तिल डालने चाहिएं।
इस दिन ओम नमो भगवते सूर्याय नम: या ओम सूर्याय नम: मंत्रों का जाप करें। माघ माहात्म्य का पाठ भी कल्याणकारी है। सूर्य उपासना कल्याणकारी होती है। सूर्य ज्योतिष में हड्डियों के कारक भी हैं अत: जिन्हें जोड़ों के दर्द सताते हैं या बार बार दुर्घनाओं में फ्रैक्चर होते हैं उन्हें इस दिन सूर्य को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए। पतंग उड़ाने की प्रथा भी इसीलिए बनाई गई ताकि खेल के बहाने, सूर्य की किरणों को शरीर में अधिक ग्रहण किया जा सके।