Masik Shivratri Vrat 2022: आज शुभ योग में करें ये काम, बंगला-गाड़ी होगा आपके पास

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Jun, 2022 07:53 AM

masik shivratri vrat

शिव भक्त प्रत्येक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव की खास रात्रि के रुप में मनाते हैं। हर माह में

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Masik Shivratri Vrat 2022: शिव भक्त प्रत्येक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव की खास रात्रि के रुप में मनाते हैं। हर माह में पड़ने वाली शिवरात्रि विशेष महत्व लिए हुए होती है। आज 27 जून दिन सोमवार को पड़ने वाली आषाढ़ मास की शिवरात्रि पर दो शुभ योग बन रहे हैं। पहला तो यह की शिवरात्रि के साथ-साथ भगवान शिव का प्रिय दिन सोमवार पड़ रहा है दूसरा आज सर्वसिद्धि योग है। इन योगों के बीच में की गई शिव पूजा अथवा रखा गया व्रत विशेष फल देने वाला होता है। वैसे तो भगवान शंकर को भोले भंडारी कहा गया है, जो सदैव अपने भक्तें की इच्छाओं को पूरा करते हैं परंतु शिवरात्रि इनका प्यारा दिन होने से मध्य रात्रि में किया गया शिव पूजन सभी प्रकार के भौतिक सुखों को देने वाला होता है।

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Masik Shivratri shubh muhurat शुभ मुहूर्त: मासिक शिवरात्रि का आरंभ 27 जून की सुबह 3.25 से होगा और अगले दिन सुबह 5.52 पर विश्राम होगा।

Masik shivratri june 2022: पुराणों के अनुसार शिवरात्रि की मध्य रात्रि को ब्रह्मा एवं विष्णु ने भगवान शंकर का सर्वप्रथम लिंग रुप में पूजन किया था और शिवरात्रि की रात को ही शिव जी लिंग रुप में प्रकट हुए थे। तो इस प्रकार से शिवरात्रि पर भगवान शंकर के लिंग स्वरुप का पूजन व अभिषेक करने का विशेष महत्व है।

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Masik Shivratri 2022 Upay: आज के सुंदर योग में बंगला-गाड़ी प्राप्त करने की इच्छा पूरी की जा सकती है, आइए जानें कैसे-

सुबह नित्य कर्म के बाद शिव पूजन करते हुए व्रत का संकल्प लें। शिवरात्रि में मध्य रात्रि में शिव पूजन करने के लिए गाय का दूध, गंगा जल, शहद, इत्र, रुद्राक्ष की माला, भस्म, पीला चंदन, अष्टगंध। इन कुछ विशेष सामग्री का होना अवश्यक है। शिवालय में जाकर पूर्व दिशा में मंत्रोच्चारण करते हुए इन वस्तुओं से शिवलिंग की पूजा करें।

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Masik Shivratri mantra पंचाक्षरी मंत्र: ॐ नमः शिवाय

पारदेश्वर शिवलिंग का पूजन सर्वार्थ सिद्धि योग में करने से वैभव भरा जीवन जीने को मिलता है। केवल गंगाजल से अभिषेक करना ही लाभ देता है।

शिवरात्रि के दिन ब्रह्म स्थान पर बैठकर साधना करने से सभी वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं।

ध्यान साधना करते समय ब्रह्म स्थान पर बैठकर अपने सामने जल से भरा हुआ कलश रखें। इसके बाद पानी को घर के चारों कोनों में शुद्धि करें।  

नीलम

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