Edited By Sarita Thapa,Updated: 12 Oct, 2025 07:00 AM

Motivational Story: एक राजा ने मंत्री से कहा-“मैं अपने प्रजाजनों में से किसी योग्य व्यक्ति को बड़ा उपहार देना चाहता हूं। बताओ, ऐसे योग्य व्यक्ति को किस प्रकार ढूंढा जाए?”
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Motivational Story: एक राजा ने मंत्री से कहा-“मैं अपने प्रजाजनों में से किसी योग्य व्यक्ति को बड़ा उपहार देना चाहता हूं। बताओ, ऐसे योग्य व्यक्ति को किस प्रकार ढूंढा जाए?”
मंत्री ने कहा, “महाराज! ऐसे लोगों की तो कोई कमी नहीं पर उनमें एक ही कमी है कि परस्पर सहयोग करने की अपेक्षा वे एक-दूसरे की टांग पकड़कर खींचते हैं।”
राजा के गले यह बात उतरी नहीं। उसने कहा, “यह इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकते हो तुम?” मंत्री ने कहा कि वह इसे साबित कर दिखाएगा। एक छह फुट गहरा गड्ढा बनाया गया। उसमें बीस व्यक्तियों के खड़े होने की जगह थी। घोषणा की गई कि जो इस गड्ढे से ऊपर चढ़ आएगा, उसे आधा राज्य पुरस्कार में मिलेगा। बीसों सबसे पहले चढ़ने का प्रयास करने लगे। जो थोड़ा सफल होता दिखता, उसकी टांग पकड़ कर शेष उन्नीस नीचे खींच लेते। वह औंधे मुंह गिर पड़ता। इसी प्रकार सवेरे आरंभ की गई प्रतियोगिता शाम को समाप्त हो गई। बीसों को असफल ही घोषित किया गया और रात होते-होते उन्हें सीढ़ी लगाकर ऊपर खींच लिया गया। पुरस्कार किसी को भी नहीं मिला।

मंत्री ने अपना मत प्रकट करते हुए कहा, “यदि ये आपस में एकता कायम कर लेते तो सहारा देकर किसी एक को ऊपर चढ़ा सकते थे, पर वे ईर्ष्यावश वैसा नहीं कर सके। वे एक-दूसरे की टांग खींचते रहे और खाली हाथ रहे। अगर उनमें एकता होती तो वे यह तय कर सकते थे कि किसी एक को जीतने दिया जाए और उसकी पुरस्कार राशि सब बराबर-बराबर बांट लें। पर वे ऐसा नहीं कर सके। ज्यादातर प्रतिभावानों के बीच ऐसी ही प्रतिस्पर्द्धा चलती है और वे खींचतान में ही सारी शक्ति गंवा देते हैं। इसलिए उन्हें निराश हाथ मलते ही रहना पड़ता है।” राजा उससे सहमत हो गया।
