Sarva Pitru Amavasya: पितृ कृपा के लिए इस विधि और शुभ मुहूर्त में करें श्राद्ध

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Sep, 2022 08:05 AM

sarva pitru amavasya

भूले चुके या सभी प्रकार के पितरों के निमित्त आश्विन महीने की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इसी ही दिन सभी प्रकार के पितरों की तृप्ती हेतु श्राद्ध कर्म किया जाता है ताकि पितरों की

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Sarva Pitru Amavasya 2022: भूले चुके या सभी प्रकार के पितरों के निमित्त आश्विन महीने की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इसी ही दिन सभी प्रकार के पितरों की तृप्ती हेतु श्राद्ध कर्म किया जाता है ताकि पितरों की तृप्ति हो और वह अपनी वंश बेल को भी सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति हेतु भगवान को प्रार्थना करेंगे हमें आर्शीवाद प्रदान करें ताकि हम भी धरती लोक पर रहते हुए सभी प्रकार के सुखों को भोगते हुए तृप्त रहें। 

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Sarva Pitru Amavasya 2022 Date Muhurat: इस वर्ष सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर 2022 दिन रविवार को मनायी जायेगी। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर आरम्भ होगी और अगले दिन सोमवार को दोपहर 3 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर 2022 को पूरे दिन मनायी जाएगी। 

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How to do amavasya pooja at home: आखिरी श्राद्ध यानि कि सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों के निमित्त खीर, पूड़ी, उड़द की दाल, हलवा, फल, वस्त्र इत्यादि व यथाशक्ति दक्षिणा संहित श्राद्ध कर्म करना चाहिए तथा ब्राह्मण को भोजन व नाती, पोतो, दोता, दोती एवं जो भी रिश्तेदार व संबंधी पास हों उन सभी को भोजन भंडारा अवश्य खिलाना चाहिए। पितरों के निमित्त हवन करके श्री हरि विष्णु जी को अर्पण करें ब्राह्मण व पंचबली को भोजन अवश्य करवाना चाहिए व पितरों की आत्मा की शांति की प्रार्थना सामूहिक रूप से करनी चाहिए। 

Sarva pitru amavasya shradh vidhi: सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष की सेवा व पूजा अर्चना करने से श्री हरि विष्णु प्रसन्न होकर हमारे पितरों की गति व तृप्ति का आर्शीवाद प्रदान करते हैं। इस दिन एक लौटे में दूध, पानी, काले तिल, शहद और जौ इत्यादि मिलाकर किसी भी प्रकार के श्वेत मीठे भोजन व वस्त्र तथा यथाशक्ति दक्षिणा संहिता पीपल वृक्ष को अर्पण करने करनी चाहिए। इस दौरान आप ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः मंत्र का जाप भी करना चाहिए। 

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What is done on Sarva Pitru Amavasya: सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध की पूजा विधि इस प्रकार है - तर्पण में दूध, तिल, कुशा, सुगंधित फूल व जल पितरों को अर्पण करें। पिंडदान में चावल या जौं के पिंडदान करके भूखे व्यक्तियों को खाना, गाय को चारा, कौड़ियों को दूध से बने पदार्थ व दवाई का दान करें। जरूरतमंदों को कंबल व मौसमानुसार वस्त्रों का दान दें। जिसे भी भोजन दें साथ में यथाशक्ति दक्षिणा अवश्य दान दें व चरण स्पर्श करें। उनसे आर्शीवाद अवश्य प्राप्त करें। पितरों व पूर्वजों के नाम पर रक्तदान, वृक्षारोपण, दवा दान, इत्यादि यथाशक्ति अवश्य करना चाहिए। 

Sarva Pitru amavasya 2022 date and time: सभी पितृ लोकों के स्वामी श्री हरि विष्णु के शरीर के पसीने से ही तिल और रोम से कुश की उत्पति हुई है। इसलिए ही तर्पण और अर्घ्य के समय तिल और कुशा का प्रयोग करना चाहिए। श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन करवाने का सबसे शुभ समय अभिजीत योग का समय 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक का समय सबसे शुभ रहेगा। 

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Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

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