Breaking




Shree Dharmrajeshwar Temple: इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना धर्मराजेश्वर मंदिर, इसमें शिखर पहले बना और नींव बाद में

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 May, 2025 02:49 PM

shree dharmrajeshwar temple

Shree Dharmrajeshwar Temple Mandsaur: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिला मुख्यालय से 106 किलोमीटर दूर गरोठ तहसील का धर्मराजेश्वर मंदिर अद्भुत उदाहरण है। इस मंदिर को विशाल चट्टान काटकर बनाया गया है। इस अद्भुत और अकल्पनीय मंदिर का निर्माण ही उल्टे तरीके से...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shree Dharmrajeshwar Temple Mandsaur: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिला मुख्यालय से 106 किलोमीटर दूर गरोठ तहसील का धर्मराजेश्वर मंदिर अद्भुत उदाहरण है। इस मंदिर को विशाल चट्टान काटकर बनाया गया है। इस अद्भुत और अकल्पनीय मंदिर का निर्माण ही उल्टे तरीके से हुआ है। इसमें शिखर पहले बना और नीचे का हिस्सा यानी नींव का निर्माण बाद में हुआ। गुफा मंदिर के नाम से भी पहचाने जाने वाला यह मंदिर वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है। धर्मराजेश्वर मंदिर की वास्तुकला एलोरा के कैलाश मंदिर के समान है। यह मंदिर एकात्मक शैली में बना है। केंद्र में 14.53 मीटर की ऊंचाई और 10 मीटर की चौड़ाई वाला एक बड़ा पिरामिड के आकार का मंदिर है।

Shree Dharmrajeshwar Temple Mandsaur

मंदिर के शिखर को उत्तर भारतीय शैली में डिजाइन किया गया है। मुख्य मंदिर के प्रवेश द्वार को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों से उकेरा गया है। धर्मराजेश्वर मंदिर भले ही जमीन के अंदर बना है, लेकिन सूर्य की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह तक जाती है। ऐसा लगता है मानो भगवान सूर्य घोड़ों पर सवार होकर शिव जी और विष्णु जी के दर्शन के लिए आए हों।

Shree Dharmrajeshwar Temple Mandsaur


मंदिर में विष्णु जी के अलावा शिव जी की प्रतिमा है। इनके अलावा शिवलिंग भी स्थापित है लेकिन पूरे मंदिर में शिव जी के वाहन नंदी की प्रतिमा नहीं है, इसलिए यह ‘हरिहर’ मंदिर है। ‘हरि’ का मतलब भगवान-विष्णु और ‘हर’ से महादेव है।

ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि के अवसर पर यहां रात रुकने से मोक्ष मिलता है। मंदिर के करीब पहुंचने तक यह अहसास नहीं होता है कि यहां कोई मंदिर भी होगा। मंदिर में दर्शन के लिए आपको जमीन के 9 फुट नीचे जाना होता है।

Shree Dharmrajeshwar Temple Mandsaur


सीढ़ियां उतरकर नीचे पहुंचने पर दोनों बगल में बड़ी-बड़ी चट्टानों से बनी दीवारों के बीच करीब 5 फुट चौड़ा सुरंगनुमा गलियारा है, जिससे गुजरते ही मंदिर सामने नजर आता है। इसके गर्भगृह में ऊपर भगवान विष्णु की प्राचीन प्रतिमा और तलघर में बड़ा-सा शिवलिंग स्थापित है। मुख्य मंदिर के आसपास सात छोटे मंदिर हैं। इनमें अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां विराजित हैं। मंदिर के बाईं ओर ढेरों गुफाएं हैं जिनमें भगवान बुद्ध की विभिन्न मुद्राओं में प्रतिमाएं आज भी इतिहास बयां कर रही हैं। मंदिर का निर्माण लेटराइट पत्थर पर हुआ है।

Shree Dharmrajeshwar Temple Mandsaur


पिरामिड आकार के इस मंदिर की दीवारों पर भगवान गणेश, लक्ष्मी, पार्वती, गरुड़ महाराज की मूर्तियां विराजित हैं। मंदिर के बारे में कोई पुख्ता प्रमाण तो नहीं है लेकिन इतिहासकार मंदिर के निर्माण को 8वीं शताब्दी का मानते हैं।

इतिहासकारों के अनुसार मंदिर को राष्ट्रकूट नरेशों द्वारा बनवाया गया। हालांकि, इतिहासकारों की इसे लेकर एक राय नहीं है। हां, वे इसे ‘रॉक कट टैम्पल’ (‘रॉक कट’ का मतलब होता है पत्थर की चट्टान को तराश कर की गई कारीगरी) जरूर मानते हैं। कई स्थानीय लोग इसे पांडवों द्वारा निर्मित मंदिर मानते हैं लेकिन कई इतिहासकार इसे जैन और बौद्ध धर्म से जुड़ा स्थल भी कहते हैं। राजेश्वर मंदिर के ठीक नीचे पहाड़ी के निचले छोर पर करीब 170 छोटी-बड़ी गुफाएं हैं। बताया जाता है कि एक अंग्रेज कर्नल टॉड ने इन्हें सबसे पहले देखा था।

Shree Dharmrajeshwar Temple Mandsaur

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8
IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!