Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Jul, 2025 09:10 AM

Smile please: संसार का ज्ञान संसार में ही प्राप्त किया जा सकता है, बंद कमरे में नहीं।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Smile please: संसार का ज्ञान संसार में ही प्राप्त किया जा सकता है, बंद कमरे में नहीं। —लॉर्ड चेस्टरफील्ड
सहिष्णुता का अभाव ही सभी समस्याओं की जड़ है। समाज का माहौल तभी सौहार्दपूर्ण और विकासशील हो सकता है जब सहिष्णुता की भावना हर नागरिक के घर कर जाए। —राजेंद्र प्रसाद
जहां प्रेम है, वहां जीवन है और जहां घृणा है, वहां विनाश है। —महात्मा बुद्ध

देश प्रेम से बढ़ कर कोई सेवा नहीं है। —गांधी जी
बाणों से बंधा हुआ तथा फरसे से कटा हुआ तन भी ठीक हो जाता है किन्तु कटु वचन कह कर वाणी से किया हुआ भयानक घाव नहीं भरता। —महर्षि वेदव्यास
जिसे सब तरह से संतोष हो, वही धनवान है। —आदि गुरु शंकराचार्य
बिना उत्साह के कभी किसी उच्च लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती। —एमर्सन
प्रसन्नता सभी गुणों की मां है।

तूफान ज्यादा हो तो पेड़ टूट जाते हैं, घमंड ज्यादा हो तो रिश्ते टूट जाते हैं। वक्त और किस्मत का घमंड कभी मत करना क्योंकि सुबह उनकी भी होती है जिनकी किस्मत खराब होती है। चित्रगुप्त के पास हर बात का हिसाब है। सबको अपने कर्मों का हिसाब चुकाना पड़ेगा।
घर पहुंच कर सबसे पहला सवाल यही मुंह से निकलता है- मां घर है कि नहीं? भले ही मां से कोई काम न भी हो। मां बोलते ही मुंह मीठा हो जाता है। —ए.आर. निशाद
क्या यह ऊपर वाले का कमाल नहीं कि मां के सीने में दूध भर दिया, साथ में ममता भर दी। नहीं तो कौन किसी को दूध पिलाता और कौन किसी की पेटियां साफ करता। बच्चे को भूख लगती है तो दौड़ी चली आती है मां। ममता न होती तो यह संसार न होता।
युवा जगह-जगह गुटखा खा कर थूक रहे हैं, इससे गंदगी फैल रही है, रोग बढ़ रहे हैं, अस्पतालों में भीड़ हो रही है। सोच-विचार करो, अभी भी वक्त है। बुरी आदतें छोड़ो। भगवान भी सफाई पसंद करते हैं। प्रण करो कि मैं आज से गंदी आदतें छोड़ता हूं। —राष्ट्र संत चंद्र प्रभ
