Story behind Ganesh Visarjan: यूं शुरू हुआ गणपति उत्सव, पढ़ें पौराणिक कथाएं

Edited By Updated: 17 Sep, 2024 11:54 AM

story behind ganesh visarjan

गणेश चतुर्थी का त्यौहार इस वर्ष 7 सितम्बर से मनाया जा रहा था। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी के बाद दस दिनों तक लगातार गणेशोत्सव की धूम देखने को मिलती है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Story behind Ganesh Visarjan:  गणेश चतुर्थी का त्यौहार इस वर्ष 7 सितम्बर से मनाया जा रहा था। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी के बाद दस दिनों तक लगातार गणेशोत्सव की धूम देखने को मिलती है। गणेश चतुर्थी आस्था से तो जुड़ा ही हुआ है, लेकिन स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में भी इसकी खास अहमियत रही है।

PunjabKesari Ganesh Visarjan
गणेश चतुर्थी कब से मनाई जा रही है इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन महाराष्ट्र में सबसे पहले इस त्यौहार की शुरुआत करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज ही थे। 1818 से लेकर 1892 तक इस त्यौहार को घरों में मनाया जाने लगा। स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने लोगों के घरों तक सीमित रहने वाले गणेश चतुर्थी को बड़े सार्वजनिक समारोह तब्दील कर दिया और 1893 में गणेश उत्सव को सामाजिक और धार्मिक तौर पर मनाना शुरू कर दिया गया।

PunjabKesari Ganesh Visarjan
कह सकते हैं कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने ही गणेशोत्सव की नींव रखी थी। इस त्यौहार को मनाने के पीछे का उद्देश्य अंग्रेजों के खिलाफ भारतीयों को एकजुट करना था। आज जिस गणेशोत्सव को लोग इतनी धूमधाम से मनाते हैं, उस पर्व को शुरू करने में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

PunjabKesari Ganesh Visarjan
1890 के दशक में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तिलक अक्सर चौपाटी पर समुद्र के किनारे बैठते और इसी सोच में डूबे रहते कि आखिर लोगों को जोड़ा कैसे जाए। अंग्रेजों के खिलाफ एकजुटता बनाने के लिए उन्होंने धार्मिक मार्ग चुना। तिलक ने सोचा कि क्यों न गणेशोत्सव को घरों से निकाल कर सार्वजनिक स्थल पर मनाया जाए, ताकि इसमें हर जाति के लोग शिरकत कर सकें।

PunjabKesari Ganesh Visarjan
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, श्री वेद व्यास ने गणेश चतुर्थी से महाभारत कथा श्री गणेश को लगातार 10 दिन तक सुनाई थी, जिसे श्री गणेश जी ने अक्षरश: लिखा था। 10 दिन बाद जब वेद व्यास जी ने आंखें खोलीं तो पाया कि 10 दिन की अथक मेहनत के बाद गणेश जी का तापमान बहुत बढ़ गया है। वेद व्यास जी ने गणेश जी को तुरंत निकट के सरोवर में ले जाकर ठंडे पानी से स्नान कराया था इसलिए गणेश स्थापना कर चतुर्दशी को उनको शीतल किया जाता है।

PunjabKesari Ganesh Visarjan
इसी कथा में यह भी वर्णित है कि श्री गणपति जी के शरीर का तापमान न बढ़े, इसलिए वेद व्यास जी ने उनके शरीर पर सुगंधित सौंधी माटी का लेप किया। यह लेप सूखने पर गणेश जी के शरीर में अकड़न आ गई। माटी झरने भी लगी। तब उन्हें शीतल सरोवर में ले जाकर पानी में उतारा। इस बीच वेदव्यास जी ने 10 दिनों तक श्री गणेश को मनपसंद आहार अर्पित किए, तभी से प्रतीकात्मक रूप से श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना व विसर्जन किया जाता है और 10 दिनों तक उन्हें सुस्वादु आहार चढ़ाने की भी प्रथा है।

PunjabKesari Ganesh Visarjan
मान्यता है कि गणपति उत्सव के दौरान लोग अपनी जिस इच्छा की पूर्ति करना चाहते हैं, उसे वे भगवान गणपति के कानों में कह देते हैं। गणपति स्थापना के बाद से 10 दिनों तक भगवान गणपति लोगों की इच्छाएं सुन-सुनकर इतना गर्म हो जाते हैं कि चतुर्दशी को बहते जल में विसर्जित कर उन्हें शीतल किया जाता है।

गणपति बप्पा से जुड़े मोरया नाम के पीछे गणपति जी का मयूरेश्वर स्वरूप माना जाता है। गणेश-पुराण के अनुसार, सिंधु नामक दानव के अत्याचार से मुक्ति पाने के लिए देवगणों ने गणपति जी का आह्वान किया।

PunjabKesari Ganesh Visarjan
सिंधु का संहार करने के लिए गणेश जी ने मयूर को वाहन चुना और छह भुजाओं का अवतार धारण किया। इस अवतार की पूजा भक्त ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारे के साथ करते हैं।

PunjabKesari Story behind Ganesh Visarjan

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!