Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Aug, 2023 07:44 AM
श्रावण मास के पहले शुक्रवार को अथवा अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रतम मनाया जाता है। वरलक्ष्मी देवी महालक्ष्मी देवी का ही अवतार हैं, जो क्षीर सागर से उत्पन्न हुई देवी का यह रूप दूधिया होता है। देवी के
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Varalakshmi Vratam, 2023: श्रावण मास के पहले शुक्रवार को अथवा अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रतम मनाया जाता है। वरलक्ष्मी देवी महालक्ष्मी देवी का ही अवतार हैं, जो क्षीर सागर से उत्पन्न हुई देवी का यह रूप दूधिया होता है। देवी के वस्त्र रंगहीन होते हैं। वर मुद्रा में देवी अपने भक्तजनों को हर प्रकार के मनोवांछित फल देती हैं। दक्षिण भारत के कई राज्यों में इस व्रत को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। वरलक्ष्मी व्रत वाले दिन स्त्रियां एवं कुंवारी कन्याएं अपने घर-परिवार सुहाग बच्चों एवं मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत करती हैं। आज के विशेष दिन लक्ष्मी पूजन का बहुत लाभ मिलता है, श्रावण मास के शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूरे विधि-विधान से आराधना करने पर सभी प्रकार के सुख-साधनों की प्राप्ति होती है।
प्रात: काल उठ कर स्नानादि के पश्चात लकड़ी के बाजोट पर चावल की एक डेयरी लगाकर उसके ऊपर चांदी अथवा तांबे के कलश की स्थापना करें। कलश के अंदर जल भर कर कुछ दाने चावल, सुपारी, सिक्के, गुड़ एवं पुष्प के डालें। इसके पश्चात आम के पत्ते लगाते हुए ऊपर से एक नारियल रख दें, इस प्रकार कलश स्थापना करके देवी लक्ष्मी की आकृति के आगे कलावा बांधें और घर के सभी सदस्यों को रक्षा सूत्र बांधें।
रात को देवी लक्ष्मी के श्री यंत्र के आगे उनके मंत्रों का उच्चारण करते हुए उन्हें घर के बने शुद्ध भोजन का भोग लगाएं। आज के दिन देवी लक्ष्मी को दूध से बने भोजन का भोग लगाना अत्यंत फलदायक होता है, मखाने की खीर देवी को अति प्रिय होती है। जिस व्यक्ति का शुक्र ग्रह कमजोर हो उसे खास तौर पर आज के दिन व्रत करने से शुक्र ग्रह को बलवान करने में सहायता मिलती है एवं देवी लक्ष्मी की अनुकंपा उस व्यक्ति पर बनी रहती है।
महालक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्री ॐ महालक्ष्म्यै नम:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।। पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् ।। ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट।।
दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहे, इसके लिए पति-पत्नी दोनों को वरलक्ष्मी का व्रत करना चाहिए एवं किसी ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करवाकर अपनी सामर्थ्य के अनुसार वस्तुओं का दान करना चाहिए।
व्यापार में सफलता एवं धन का कभी अभाव न हो इसके लिए आज के शुभ दिन सुहागिनों को श्रृंगार का सामान भेंट स्वरूप दें।
नीलम
8847472411