Edited By Sarita Thapa,Updated: 27 Dec, 2025 12:35 PM

हम अक्सर धन और समृद्धि की तलाश में बड़े-बड़े अनुष्ठान और कठिन परिश्रम करते हैं, हमारे घर की दरिद्रता या अमीरी का सबसे गहरा रहस्य हमारी भोजन की थाली में छिपा होता है। भारतीय संस्कृति में अन्न को ब्रह्म माना गया है और रसोई घर को मां अन्नपूर्णा का...
Vastu Shastra for Wealth : हम अक्सर धन और समृद्धि की तलाश में बड़े-बड़े अनुष्ठान और कठिन परिश्रम करते हैं, हमारे घर की दरिद्रता या अमीरी का सबसे गहरा रहस्य हमारी भोजन की थाली में छिपा होता है। भारतीय संस्कृति में अन्न को ब्रह्म माना गया है और रसोई घर को मां अन्नपूर्णा का निवास स्थान। वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन केवल पेट भरने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक ऊर्जा है। जिस तरह से हम भोजन को ग्रहण करते हैं, थाली को सम्मान देते हैं और खाने के दौरान जिन नियमों का पालन करते हैं, उसका सीधा असर हमारी आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य और मानसिक शांति पर पड़ता है। अक्सर अनजाने में की गई छोटी-छोटी गलतियां, जैसे थाली में हाथ धोना या जूठन छोड़ना, घर की बरकत को रोक देती हैं। तो आइए जानते हैं ऐसे विशेष वास्तु टिप्स के बारे में जो आपकी भोजन की थाली से जुड़े हैं और आपके जीवन में समृद्धि ला सकते हैं।
भोजन की थाली और वास्तु: समृद्धि के सरल नियम
थाली में कभी न धोएं हाथ
भोजन करने के बाद अक्सर लोग उसी थाली में हाथ धो लेते हैं। वास्तु और शास्त्रों के अनुसार, यह सबसे बड़ी गलती है। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा का अनादर होता है और घर में दरिद्रता आती है। यह आदत आपकी संचित पूंजी को कम कर सकती है।
थाली में न छोड़ें जूठन
थाली में उतना ही भोजन लें जितनी भूख हो। भोजन को छोड़ना या उसे बर्बाद करना कुंडली में चंद्रमा और शुक्र को कमजोर करता है। जिस घर में अन्न का अपमान होता है, वहाँ लक्ष्मी ज्यादा समय तक नहीं टिकतीं। हमेशा थाली साफ करने के बाद ही उठें।
तीन रोटियां एक साथ परोसने से बचें
भारतीय घरों में एक पुरानी मान्यता है कि थाली में एक साथ तीन रोटियां नहीं रखनी चाहिए। वास्तु के अनुसार, तीन की संख्या को अशुभ माना जाता है (अक्सर यह संख्या मृत व्यक्ति के भोग के लिए इस्तेमाल होती है)। यदि तीन रोटी देनी भी हो, तो उन्हें तोड़कर या अलग-अलग करके दें।

थाली के चारों ओर पानी का घेरा
पुराने समय में लोग भोजन शुरू करने से पहले थाली के चारों ओर पानी से घेरा बनाते थे। वैज्ञानिक रूप से यह कीड़ों को दूर रखने के लिए था, लेकिन वास्तु में इसे भोजन के प्रति सम्मान और देवताओं को भोग लगाने का तरीका माना जाता है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
दिशा का रखें विशेष ध्यान
भोजन करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
पूर्व दिशा: उम्र और स्वास्थ्य बढ़ाती है।
उत्तर दिशा: धन और ज्ञान प्राप्ति के लिए शुभ मानी जाती है।
दक्षिण दिशा: इस दिशा में मुख करके भोजन करना मानसिक तनाव और बीमारियां बढ़ा सकता है।
बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें
आजकल लोग टीवी देखते हुए बिस्तर पर खाना पसंद करते हैं। वास्तु के अनुसार, बिस्तर सोने की जगह है, भोजन की नहीं। यहाँ बैठकर खाने से घर में बरकत रुक जाती है और व्यक्ति कर्ज के जाल में फंस सकता है। हमेशा जमीन पर आसन बिछाकर या डाइनिंग टेबल पर बैठकर ही खाएं।

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