Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 May, 2025 02:00 PM

भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र केवल भवन निर्माण या दिशा निर्धारण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू से जुड़ा होता है।
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Vastu Tips: भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र केवल भवन निर्माण या दिशा निर्धारण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू से जुड़ा होता है। भोजन करते समय भी वास्तु के कुछ नियमों का पालन करने से न केवल स्वास्थ्य अच्छा रहता है बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहती है। कई बार हम जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करती हैं और इसका सीधा असर हमारे मानसिक, शारीरिक और पारिवारिक जीवन पर पड़ता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि भोजन करते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन न करें
वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन करते समय दिशा का विशेष महत्व होता है। दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है और यह नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी होती है। यदि कोई व्यक्ति लगातार दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करता है तो उसका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। अतः हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करना शुभ माना जाता है।

भोजन करते समय क्रोध या तनाव में न रहें
भोजन केवल शारीरिक पोषण नहीं बल्कि मानसिक स्थिति का भी प्रभाव ग्रहण करता है। यदि आप गुस्से, चिंता या तनाव की अवस्था में खाना खाते हैं तो वह भोजन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि भोजन प्रेम, संतोष और शांति की भावना के साथ किया जाना चाहिए। इससे भोजन में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और यह पाचन के लिए भी लाभकारी होता है।
टीवी या मोबाइल देखते हुए भोजन न करें
आजकल अधिकांश लोग भोजन करते समय टीवी देखते हैं या मोबाइल फोन चलाते हैं लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार यह आदत नकारात्मक प्रभाव डालती है। इससे ध्यान भोजन पर नहीं रहता, पाचन क्रिया कमजोर होती है और मानसिक असंतुलन पैदा हो सकता है। भोजन करते समय पूर्ण एकाग्रता और मन की शांति आवश्यक होती है।

फर्श पर बैठकर भोजन करना शुभ होता है
वास्तु शास्त्र और आयुर्वेद दोनों के अनुसार फर्श पर बैठकर भोजन करना शरीर के लिए लाभकारी होता है। यह पाचन को सुधारता है और शरीर की मुद्रा को संतुलित करता है। यदि किसी कारणवश फर्श पर बैठना संभव न हो, तो कुर्सी-टेबल पर बैठते समय भी रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और पैरों को जमीन पर टिकाकर रखें।
भोजन से पहले हाथ, पैर और मुंह धोना न भूलें
स्वच्छता वास्तु शास्त्र का एक मूल सिद्धांत है। भोजन से पहले हाथ, पैर और मुंह धोना न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से आवश्यक है, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने का भी माध्यम है। इससे शरीर और मन दोनों ताजगी का अनुभव करते हैं, जो अच्छे पाचन में सहायक होता है।
