Edited By bharti,Updated: 02 May, 2018 07:02 PM
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ( एनसीईआरटी ) द्वारा तय किए गए नये मसौदा दिशानिर्देशों ...
नई दिल्ली : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ( एनसीईआरटी ) द्वारा तय किए गए नये मसौदा दिशानिर्देशों के अनुसार प्ले स्कूल जाने वाले बच्चों का आकलन उनके व्यवहार , चीजें साझा करने , एक दूसरे का ख्याल रखने की आदतों ,मोम के रंग एवं पेंसिल सही से पकडऩे के तरीके सहित अन्य मानदंडों के आधार पर होगा।
एनसीईआरटी तैयार की आकलन व्यवस्था
एनसीईआरटी ने प्री स्कूल के बच्चों के लिए पढ़ाई के नतीजे के आकलन की व्यवस्था तैयार की है जिसका प्री स्कूलों को कार्यान्वयन करना होगा। इन मानदंडों में ‘‘ क्या बच्चा सहज है या तनाव में है ? क्या वह मौखिक रूप से अपनी भावनाएं बयां कर पाता है ? वह दूसरे बच्चों से कैसे बातचीत करता है ? क्या वह चीजें साझा करता है ? क्या वह आसानी से परेशान हो जाता है ? क्या वह कोई काम या गतिविधि खुद से शुरू करता है या उसके लिए कहे जाने का इंतजार करता है ? इसके अलावा कुछ अन्य मानक भी शामिल है और प्री स्कूल के शिक्षकों के लिए बच्चों का आकलन करते समय इन मानदंडों को ध्यान में रखने की जरूरत होगी। ’’
शिक्षकों को बच्चों के व्यवहार एवं प्रगति को लेकर भी रोजाना निरीक्षण संबंधी नोट तैयार करना होगा। मसौदे में कहा गया ,‘‘लगातार निरीक्षण एवं आकलन के जरिये बच्चों की जरूरतें पूरी करने एवं उनकी क्षमताओं को चुनौती देने के लिए जल्दी शिक्षण अनुभव की योजना तैयार करना आसान हो जाता है। इसमें कहा गया,‘‘बच्चों का निरीक्षण करने का मुख्य उद्देश्य उन्हें जानना , उनकी जरूरतों की पहचान करना और तद्नुसार उनके शिक्षण में मदद करना है लेकिन शिक्षकों को भी जानना चाहिए कि क्या , कहां एवं कैसे निरीक्षण करना है। ’’