एकता कपूर ने बताया कनेक्टेड टीवी का असर, महिलाओं को केंद्र में लाने पर की बात

Edited By Updated: 03 Dec, 2025 04:55 PM

ekta kapoor explained the impact of connected tv

​​​​​​​एकता कपूर का मानना है कि कनेक्टेड टीवी का बढ़ता चलन डिजिटल दुनिया में महिलाओं-केंद्रित, अर्बन-मास कहानियों की वापसी करवाएगा, वह कहानियाँ जो पिछले कुछ सालों में कम दिखीं, क्योंकि स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ज़्यादातर पुरुष दर्शकों को ध्यान में रखकर...

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। एकता कपूर का मानना है कि कनेक्टेड टीवी का बढ़ता चलन डिजिटल दुनिया में महिलाओं-केंद्रित, अर्बन-मास कहानियों की वापसी करवाएगा, वह कहानियाँ जो पिछले कुछ सालों में कम दिखीं, क्योंकि स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ज़्यादातर पुरुष दर्शकों को ध्यान में रखकर कंटेंट बना रहे थे। उन्होंने यह बातें CII बिग पिक्चर समिट 2025 में यूट्यूब इंडिया की डायरेक्टर गुंजन सोनी के साथ फायरसाइड चैट के दौरान कही।

सोनी ने बातचीत की शुरुआत एकता कपूर को भारत की सबसे प्रभावशाली मीडिया क्रिएटर्स में से एक बताते हुए की, और उनके 'अनकन्वेंशनल और प्रेरणादायक” सफर को खास तौर पर हाइलाइट किया। कपूर ने बताया कि वह सिर्फ 16 साल की उम्र में इस इंडस्ट्री में आई थीं, जब उन्होंने अपने पिता जीतेंद्र की शुरुआती प्रोडक्शन कंपनी से काम शुरू किया था।'

लेकिन ड्रामा में उनका पहला असली मौका काफी संघर्ष के बाद मिला। कई ब्रॉडकास्टर्स ने उन्हें 'बहुत कम उम्र' का कहकर प्राइमटाइम ड्रामा संभालने लायक नहीं समझा और उन्हें सिर्फ कॉमेडी की ओर धकेला। उनका ड्रामा वाला बड़ा ब्रेक भी बिल्कुल अनपेक्षित तरीके से आया और वह भी साउथ से, जब दिग्गज स्टार रजनीकांत ने उनके काम को समर्थन दिया।

कपूर ने बताया कि क्योंकि सास भी कभी बहू थी की भावनात्मक नींव उन्हें सास–बहू के बीच मौजूद उन बारीक और अक्सर अनकही भावनाओं को देखकर मिली। उन्होंने समझाया कि जहां पुरुषों से स्वाभाविक रूप से यह उम्मीद की जाती है कि वे अपनी विरासत बेटों को सौंपें, वहीं बहुएँ अपने-आप को पूरी तरह एक नए परिवार में ढालने के लिए मजबूर होती हैं और उसी के साथ सास के अपने भावनात्मक बोझ को भी विरासत में ले लेती हैं। उन्होंने कहा, 'जो चीज़ें पुरुषों के लिए स्वाभाविक हैं, उन्हें उनसे उम्मीद के तौर पर लिया जाता है। लेकिन जो अस्वाभाविक है, वही महिलाओं पर समाज नियम बनाकर थोप देता है।” उन्होंने यह भी कहा, 'कोई बुरा नहीं है समस्या उन ग़लत और अस्वाभाविक उम्मीदों की है, जो समाज महिलाओं से रखता है।'

उन्होंने कहा कि जब उन्होंने उस “सबसे ज़रूरी भावना” को समझ लिया, तो शो अपने-आप भारतीय घरों से जुड़ गया। उनके शब्दों में, 'जब आप किसी बड़ी असली भावना को पकड़ लेते हैं तो आप पूरा घर जोड़ लेते हैं।' कपूर ने क्योंकि के नए सीज़न की एक झलक भी दी। उन्होंने इसे एक पसंदीदा किरदार का आधुनिक रूप बताया। अब की तुलसी उम्र में बड़ी और ज़्यादा गहराई वाली होगी, जो आज की महिलाओं की परेशानियाँ और हल्के-फुल्के मज़ाक दोनों दिखाएगी, फिर चाहे वह फिटनेस की चिंता हो या परिवार में बदलती ज़िम्मेदारियाँ। एक सीन में तुलसी वज़न मशीन पर चढ़ती है, संख्या देखकर चौंक जाती है और कहती है कि मशीन खराब है। कपूर ने हँसते हुए कहा “मैं भी ऐसा अक्सर करती हूँ।'

एक और पल में, तुलसी की बेटी धीरे-धीरे बताती है कि उसकी ब्लाउज ठीक से फिट नहीं है। कपूर ने बताया कि यह कितना आम है उन्होंने कहा, “हम अपनी माँ के साथ भी ऐसा बहुत करते हैं।' 'बिना सोचे समझे आप किसी की असुरक्षा को बढ़ा रहे होते हैं।”

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने कहानी कहने के तरीके को कैसे बदला है, इस पर बात करते हुए कपूर ने कहा कि शुरुआत में ओटीटी सर्विसेज़ ज्यादातर पुरुष दर्शकों की ओर झुकी हुई थीं क्योंकि सब्सक्रिप्शन मॉडल पुरुषों की देखने की आदतों पर आधारित थे। वहीं, टीवी, जो विज्ञापनों पर चलता है, पारंपरिक रूप से महिलाओं के लिए कंटेंट बनाता था।

अब जब कनेक्टेड टीवी लगभग 100 मिलियन घरों तक पहुँच रहे हैं, तो उन्होंने माना कि डिजिटल कंटेंट आखिरकार विज्ञापन-आधारित प्रोग्रामिंग की ओर लौटेगा, खासकर अर्बन-मास फीमेल दर्शकों के लिए। इसके जरिए नए जॉनर, मध्यजीवन के ड्रामे, वर्कप्लेस स्टोरीज और हल्की-फुल्की रोमांस कहानियों का रास्ता खुलेगा। “हम उन्हें अब कोरियन ड्रामे कहते हैं। मैं उन्हें वही कोरियन ड्रामे कहती हूँ जो 10 साल पहले भारतीय थे।'

उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म महिलाओं के लिए “न्यायपूर्ण” नहीं रहे क्योंकि उन्होंने महिला-केंद्रित कहानियों को पीछे रखा, जबकि टीवी ने हमेशा पुरुष दर्शकों की जरूरतों पर ध्यान कम दिया। उनका मानना है कि कनेक्टेड टीवी इसे सही करने का मौका देता है। कपूर ने यह भी बताया कि उन्होंने एक पुरुष-प्रधान इंडस्ट्री में काम किया है, जिसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “बातचीत गोल्फ कोर्स और डाइनिंग टेबल पर होती है, जहां आप नहीं होते।' उनका समाधान: महिलाओं के बीच मजबूत नेटवर्क बनाना और पुरुषों को शामिल रखना। 'हमें लीडरशिप की भूमिकाओं में और ज्यादा महिलाओं की जरूरत है।'

उनका संदेश मनोरंजन क्षेत्र में आने वाली महिलाओं के लिए साफ है, “टेबल पर आपकी जगह नहीं है? तो अपनी कुर्सी लाओ, या अपना ही टेबल लगा दो।' जोखिम लेने के बारे में कपूर ने कहा कि उनका साहस असफलताओं से बना। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने आम सलाह मानी और उनका काम “सबसे बड़ी फ्लॉप में से एक” बन गया। इस अनुभव ने उन्हें खुद पर भरोसा करना सिखाया। उन्होंने कहा, “आपको फैसला करना होगा और जो करना है वह करना होगा। फिर परिणामों का सामना करना होगा। इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है।

 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!