तीन शेड्स यंग, मिडिल और प्रेजेंट एज को दर्शकों के सामने लाएगी फिल्म 'विजयानंद'

Edited By Deepender Thakur,Updated: 06 Dec, 2022 03:27 PM

kannada movie vijayanand starcast exclusive interview

इस साल कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री ने बैक टू बैक धमाकेदार फिल्में अपने दर्शकों को दी हैं। इसी कड़ी में अगली फिल्म 'विजयानंद' आ रही है। यह फिल्म इस इंडस्ट्री से पहली बायोपिक है जो डॉ. विजय संकेश्वर के जीवन पर आधारित है। विजय संकेश्वर को पद्मश्री से भी...

नई दिल्ली। इस साल कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री ने बैक टू बैक धमाकेदार फिल्में अपने दर्शकों को दी हैं। इसी कड़ी में अगली फिल्म 'विजयानंद' आ रही है। यह फिल्म इस इंडस्ट्री से पहली बायोपिक है जो डॉ. विजय संकेश्वर के जीवन पर आधारित है। विजय संकेश्वर को पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। यह फिल्म 9 दिसम्बर को रिलीज होने जा रही है। कांतारा के बाद दर्शक इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस मौके पर फिल्म के स्टारकास्ट सिरी प्रह्लाद, भरत बोपन्ना, निहाल राजपूत और फिल्म निर्माता आनंद संकेश्वर ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की।

 

 

Q. फिल्म के ट्रेलर को काफी पॉजिटिव रिस्पांस मिल रहा है, इससे आप क्या फील कर रहीं हैं?
A. सिरी प्रह्लाद : हमें ऐसा लग रहा कि लोग रैड कारपेट बिछाकर हमारा स्वागत कर रहे हैं। फिल्म की कहानी बहुत प्रेरणादायक है, क्योंकि यह एक बायोपिक है, जो 9 दिसम्बर को रिलीज हो रही है। यह फिल्म पूरे देश में कुल पांच भाषाओं में बड़े पर्दे पर उतरने जा रही है, जिसको लेकर हम काफी एक्साइटेड हैं।

 

Q. फिल्म में आपका किरदार आपकी रियल लाइफ के लिए कितना गेम चेंजर साबित होगा?
A. सिरी प्रह्लाद : मुझे लगता है कि ये फिल्म सिर्फ मेरे लिए ही नहीं इससे जुड़े सभी लोगों के लिए उनके करियर का बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। यह फिल्म एक माइल स्टोन जरूर तय करेगी, क्योंकि फिल्म की कहानी ही इतनी बेहतरीन है। मेरे लिए तो यह और भी जरूरी है क्योंकि इसमें मैं भी तीन शेड्स में दिखाई दे रही हूं जो कि यंग, मिडिल एज और प्रेजेंट एज है। मैंने थिएटर किया हुआ है तो मुझे ये सब अच्छा लगता है। मेरा ये कहना नहीं है कि इतनी यंग एज में ही हमें ओल्ड एज का क्यों दिखाया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बॉलीवुड की 'गुरु' फिल्म है, जिसमें अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या को लोगों ने इतने प्यार और स्नेह के साथ स्वीकार किया जिसे आज भी याद किया जाता है। इसलिए जब ऋषिका शर्मा (डायरेक्टर) मैम ने मुझसे पूछा कि तुम्हें इसमें तीन अलग-अलग एज में दिखना है तो भी मैंने उन्हें हां कर दी। मुझे उम्मीद है कि इसके बाद हमारा करियर जरूर चेंज होने वाला है, क्योंकि यह हमारे लिए ऐसा प्रोजेक्ट है जिस पर हमने बहुत मेहनत की है।

 

Q. जब आपको यह फिल्म ऑफर हुई तो आपने कैसे रिएक्ट किया?
A. सिरी प्रह्लाद : हंसते हुए कहती हैं कि इसके जवाब पर मैं दो दिन लगातार बोल सकती हूं। मैंने इतना कुछ सीखा है, लेकिन अगर शॉर्ट में बताऊं तो सपने बड़े देखो और कम्फर्ट जोन से बाहर निकल कर काम करिए। रिस्क लेने से मत घबराओ परिस्थिति चाहें कितनी भी खराब हो, घबराओ मत।

 



 

Q. सिरी जी आप मोर रीजनल, मोर यूनिवर्सल  कॉन्सेप्ट से कितनी सहमत हैं?
A. सिरी प्रह्लाद : मैं इस कॉन्सेप्ट से बिल्कुल सहमत हूं, क्योंकि लोगों को अलग-अलग स्टोरी देखने को मिलती है। कांतारा में भी वही हुआ, उम्मीद है कि हमारी फिल्म भी अपना जादू दर्शकों पर चला पाए। किसी भी फिल्म की एक खास बात यह भी होती है कि उसमें बाकी फिल्मों से क्या खास दिखाया जा रहा है। दर्शकों को वह पसंद आ रहा है या नहीं। फैंस को रीजनल कहानी तो वैसे भी बहुत पसंद आती है, ऐसे में उन्हें विजयानंद भी खूब पसंद आएगी।

 

Q. क्या आपको लगता है कि यह बायोपिक परफेक्ट टाइम पर बन रही है, या इसको और पहले आ जाना चाहिए था?
A. आनंद संकेश्वर : फिल्म को बनाने से पहले कई महत्वपूर्ण काम हैं, जो पूरे करने होते हैं। आपके अंडर जितने भी लोग काम कर रहे हैं उनको भी देखना होता है। स्टार से लेकर हर वर्कर को साथ लेकर काम की प्लानिंग की जाती है, जिसके बाद जाकर फिल्म की तैयारी होती है। इसके बाद यह कहानी ही इतनी इंस्पायरिंग है कि फिल्म बनना तय है। इस फिल्म का आइडिया निहाल जी का था, क्योंकि कन्नड़ से अभी तक कोई भी बायोपिक नहीं आई है।

 

Q. जब आपको यह फिल्म ऑफर हुई तो आपने कैसे रिएक्ट किया?
A. भरत बोपन्ना : पहले तो मैं सभी को थैंक्स करना चाहता हूं, कि मुझे इस फिल्म में काम करने का मौका मिला। आप फिल्म के पोस्टर में भी देख सकते हैं, लोग मुझे पहचान ही नहीं पा रहे हैं कि ये मैं ही हूं या कोई और। इस फिल्म में मेरे लिए सबसे ज्यादा चैलेंजिंग भाषा रही लेकिन डायरैेक्टिंग डिपार्टमेंट ने इसमें मेरी काफी मदद की और गाइड किया।

 



 

Q. इस फिल्म से क्या सीखा, जो लाइफ लॉन्ग याद रहने वाला है?
A. भरत बोपन्ना : सबसे जरूरी चीज जो मैंने आनंद सर से सीखी है वो ये है कि मुश्किलों को मुश्किल कि तरह मत लीजिए, उसे एज ए चैलेंज लीजिए। फिर देखिए आप कहां से कहां होंगे। आनंद सर की ये बात मैं अब हर जगह अप्लाई करता हूं।

 

Q. आंनद जी जब ऋषिका और निहाल जी ने आपसे इस फिल्म के बारे में बात की तो आपका क्या रिएक्शन था?
A. आनंद संकेश्वर :  हम लोगों ने एक घंटे की मीटिंग सेट करके इस कहानी पर चर्चा की। निहाल और ऋषिका को स्क्रिप्ट काफी अच्छा लगी। जिसके बाद सब कुछ फिक्स हो गया और हमने इस पर काम करना शुरू कर दिया।

 

Q. निहाल जी यह आपकी दूसरी फिल्म है। आप इसको लेकर कितने एक्साइटेड हैं?
A. निहाल राजपूत : निहाल मुस्कुराते हुए कहते हैं कि ट्रेलर में तो आप देख ही चुके हैं बाकी फिल्म में देखिएगा। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि आनंद जी हमसे इस फिल्म के लिए जुड़े। हमारी कोशिश है कि फिल्म में डॉ. विजय संकेश्वर की असल ङ्क्षजदगी को पर्दे पर उसी अंदाज में पेश कर पाएं जैसे वे असल जीवन में है। इसके लिए हमने मेकअप से लेकर लुक को उसी तरह से कैरी किया जैसे वे करते हैं। किरदार को सही ढंग से प्ले करने के लिए बॉडी को भी उसी अनुरूप ढालना होता है। यंग, मिडल एज और प्रेजेंट व्यक्ति को दिखाने के लिए वजन घटाना और बढ़ाना भी इसी का हिस्सा है। यह प्रोसैस मैंटली और इमोशनली भी बेहद जरूरी होता है।

 

Q. बायोपिक में काम करना बाकी फिल्मों में काम करने से कितना अलग है?
A. निहाल राजपूत : बायोपिक बाकी कहानियों की तरह काल्पनिक नहीं होती क्योंकि यह रियल स्टोरी पर बेस्ड होती हैं। जैसे विजय सर को सभी ने देखा है तो हमें उनके किरदार के साथ उसी शिद्दत से काम करना होगा जैसे वे असल में दिखते हैं। जब हमने उन्हें फिल्म दिखाई तो वे बहुत खुश हुए और जब सर को हमने खुश देख, तो हमें भी बहुत खुशी हुई। 

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