खरीदना चाहते हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल, जानिए किस राज्य में कितनी सब्सिडी दे रही है सरकार...

Edited By Piyush Sharma,Updated: 13 Sep, 2021 10:07 PM

know how much subsidy government is giving in which state

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, यानी कि फ्यूचर ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल सेक्टर । इसमें ना पेट्रोल की चिंता करनी है और ना ही कोई CNG का चक्कर । सिंगल चार्ज में अब आप सैकडों किमी. की दूरी तय कर सकते हैं, लेकिन इसे खरीदने वालों के लिए इसकी कीमत सबसे बडा नेगेटिव...

ऑटो डेस्क : इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, यानी कि फ्यूचर ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल सेक्टर । इसमें ना पेट्रोल की चिंता करनी है और ना ही कोई CNG का चक्कर । सिंगल चार्ज में अब आप सैकडों किमी. की दूरी तय कर सकते हैं, लेकिन इसे खरीदने वालों के लिए इसकी कीमत सबसे बडा नेगेटिव इंपेक्ट देती है और ये बात सरकार को भी समझ में आती है। इसीलिए भारत सरकार और कई राज्य सरकारें मिलकर इस दिशा में कदम उठा रही हैं और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर आपको सब्सिडी देती हैं। तो, आइए जानते हैं कि कौन सा इंडियन स्टेट इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर सबसे ज्यादा सब्सिडी देता है... 

राज्य सरकारों की बात करने से पहले हमें केंद्र सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी जान लेनी चाहिए। सरकार सबसे पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए FAME-1 योजना लेकर आई थी, जिसकी समय सीमा 31 मार्च 2019 तक थी। फिलहाल देश में नेशनल FAME-II योजना चल रही है। जिसके तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने पर मिलने वाले इंसेंटिव को अब बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति kWh कर दिया गया है। पहली योजना में ये इंसेंटिव 10,000 रू. प्रति kWh था। यानी नई सब्सिडी दर पहले की सब्सिडी दर से 5,000 रुपये प्रति kWh ज्यादा है।
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अब बात करते हैं स्टेट्स इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी की।  सबसे पहले आपको ये जानना चाहिए कि सरकार ने सब्सिडी देने के पैमाना क्या बनाया है। दरअसल, ज्यादातर इंडियन स्टेट लिथियम-आयन बैटरी पैक के साइज के आधार पर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के लिए सब्सिडी देते हैं और इंसेंटिव अमाउंट 'प्रति kWh बैटरी कैपिसिटी' के आधार पर तय किया जाता है।  

हर राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी के लिए अपने-अपने पैरामीटर्स हैं। बात करें अगर सबसे ज्यादा सब्सिडी देने वाले राज्य की तो इसमें दिल्ली सबसे ऊपर है, जहां सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर 5,000 रुपये प्रति kWh और अधिकतम 30,000 रुपये का इंसेटिव देती है, लेकिन इसमें शर्त ये है कि व्हीकल की बैटरी 5 kWh से बड़ी होनी चाहिए। वैसे ज्यादातर इलेक्ट्रिक टू व्हीलर में लगाई जाने वाली बैटरी की क्षमता अभी दो से तीन किलोवाट तक की है। इसलिए 15 हजार रुपये की सब्सिडी राज्य सरकार से मिल जाएगी। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने ई व्हीकल को रजिस्ट्रेशन चार्ज और रोड टैक्स से भी फ्री कर दिया है।
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इस लिस्ट में सेकेंड पोजीशन पर है महाराष्ट्र, महाराष्ट्र सरकार भी दिल्ली सरकार की तरह 5,000 रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से सब्सिडी देती है, जिसकी मैक्सिमम लिमिट 10,000 रुपये रूपए तक है। अगर आप अर्ली बर्ड इंसेंटिव के तहत यानी कि 31 दिसंबर 2021 से पहले अपना वाहन खरीदते हैं तो आपको अलग से 15,000 रू की छूट और दी जाएगी। इस तरह आपको कुल 25,000 रूपए की सब्सिडी मिलेगी।

मेघालय, असम, गुजरात और पश्चिम बंगाल…पर kWh पर सबसे ज्यादा सब्सिडी यानि कि 10,000 रुपये पर kWh तक ऑफर कर रहे हैं, जिसमें अधिकतम सब्सिडी की सीमा 20,000 रूपए ही रखी गई है। उदाहरण के लिए अगर इन राज्यों में कोई 3kWh बैटरी का टू-व्हीलर भी खरीदता है. तो भी आप 20,000 रुपये तक की छूट ले सकते हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर फिलहाल कोई सीधी सब्सिडी नहीं देते हैं।

इलेक्ट्रिक कारों पर कितनी है सब्सिडी- 

टू-व्हीलर व्हीकल्स की तरह इलेक्ट्रिक कार और एसयूवी पर भी केंद्र और राज्य सरकार सब्सिडी दे रही हैं। इसके लिए भी सरकार ने नीतियां बनाई हैं, पर इन नीतियों से फायदा लिमिटेड कारों को ही मिलेगा। इसका कारण ये है कि इलेक्ट्रिक कारों में टू-व्हीलर्स की अपेक्षा बैटरी काफी बड़ी होती है, यही वजह है कि सरकार ने इसके लिए अधिकतम सब्सिडी की सीमा तय की है। कुछ राज्यों ने सब्सिडी देने के लिए 10,000 यूनिट की सीमा तय की है। यानी कि सरकार पहले 10,000 कस्टमर्स को ही सब्सिडी देगी। इसके अलावा व्हीकल की एक्स-फ़ैक्टरी कॉस्ट लिमिट 15 लाख रुपये रखी गई है। इसका सीधा मतलब ये है कि फिलहाल टाटा टिगोर ईवी ज़िपट्रॉन और टाटा नेक्सॉन ईवी को सभी स्टेट्स में इंसेंटिव मिल सकता हैं। वहीं, MG की ZS EV और Hyundai की Kona Electric जैसे बड़े और महंगी इलेक्ट्रिक गाडियां इन सब्सिडी के लिए योग्य नहीं हैं।

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इलेक्ट्रिक कारों के लिए दिल्ली, गुजरात, असम और पश्चिम बंगाल 10,000 रुपये प्रति kWh का इंसेंटिव देते हैं, लेकिन इसकी लिमिट 1.50 लाख रुपये तक सीमित है। ओडिशा सरकार इन व्हीकल्स को 1 लाख रुपये तक का इंसेंटिव दे रहा है, जबकि मेघालय  4,000 रुपये प्रति kWh के इंसेंटिव के साथ अधिकतम 60,000 रुपये की सब्सिडी देता है। राजस्थान, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश फिलहाल इलेक्ट्रिक कारों और एसयूवी के लिए सब्सिडी नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा देश भर में सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर रजिस्ट्रेशन फीस भी माफ है। 

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