पेटीएम ने साइबर फ्रॉड रोकथाम सत्र का आयोजन किया, सुरक्षित मोबाइल भुगतान को लेकर की बात

Updated: 05 May, 2025 05:14 PM

paytm organizes cyber fraud prevention session

गूगल या अन्य सर्च इंजन पर कस्टमर केयर नंबर खोजने से बचें, क्योंकि वहां फर्जी नंबर हो सकते हैं। केवल आधिकारिक वेबसाइट्स का उपयोग करें।

नई दिल्ली। भारत के सबसे विश्वसनीय, सुरक्षित और तेज़ UPI आधारित मोबाइल भुगतान प्लेटफॉर्म के रूप में, पेटीएम ने 3 मई 2025 को अपने ग्रेटर नोएडा स्थित स्काई मार्क बिल्डिंग मुख्यालय में साइबर अपराध जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस सत्र का नेतृत्व साइबर क्राइम डीसीपी प्रीति यादव ने किया, जिसमें डिजिटल भुगतान से जुड़े धोखाधड़ी की रोकथाम के व्यावहारिक उपायों पर चर्चा हुई।

यह पहल पेटीएम के उस सतत प्रयास का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत वह डिजिटल विश्वास को सुदृढ़ करने और अपने कर्मचारियों एवं उपभोक्ताओं को साइबर फ्रॉड को पहचानने व रोकने के लिए सक्षम बनाने के लिए कार्य कर रहा है।

साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए डीसीपी प्रीति यादव द्वारा बताए गए 16 महत्वपूर्ण उपाय:
अज्ञात नंबरों से वीडियो या व्हाट्सएप कॉल पर पुलिस की वर्दी में दिखाई देने वाले लोगों पर भरोसा न करें। उनकी पहचान आधिकारिक चैनलों से सत्यापित करें। ऐसे कॉल्स की पुष्टि निकटतम साइबर सेल या सीबीआई, नारकोटिक्स या कूरियर विभागों से करें।

गूगल या अन्य सर्च इंजन पर कस्टमर केयर नंबर खोजने से बचें, क्योंकि वहां फर्जी नंबर हो सकते हैं। केवल आधिकारिक वेबसाइट्स का उपयोग करें।

आधार या मोबाइल नंबर से जुड़ा संदिग्ध पार्सल होने का दावा झूठा हो सकता है, इन्हें नजरअंदाज करें। अगर आपको बिना अनुमति के किसी बैंक खाते के आपके आधार से लिंक होने की सूचना मिले, तो तुरंत बैंक जाकर जांच करें और खाता ब्लॉक कराएं। अदालत के वारंट कभी व्हाट्सएप पर नहीं भेजे जाते। ऐसे दावों की स्थानीय पुलिस से पुष्टि करें।सरकारी एजेंसियाँ कभी व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर मनी लॉन्ड्रिंग या हवाला के केस की सूचना नहीं देतीं।

"संदिग्ध जमा" को साफ़ करने के बहाने किसी अन्य खाते में पैसे ट्रांसफर करने को कहा जाए तो यह निश्चित रूप से धोखाधड़ी है। असली अधिकारी कभी कॉल पर धमकी नहीं देते या दबाव नहीं बनाते। पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट अनौपचारिक माध्यमों से डिजिटल रूप में नहीं दिए जाते। यह भी एक फ्रॉड का तरीका है। कॉल के दौरान अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें या किसी अजनबी के कहने पर ऐप इंस्टॉल न करें।

अगर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डराया-धमकाया जाए तो तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें। भारी रिटर्न, लोन या बीमा देने वाले संदिग्ध लिंक वाले संदेशों से सतर्क रहें। महंगे सामान सस्ते में देने का लालच देकर ओटीपी या निजी जानकारी मांगने वाले धोखाधड़ी कर रहे हैं। अगर धोखाधड़ी का संदेह हो तो इसे कानूनी माध्यमों से तुरंत रिपोर्ट करें। किसी भी साइबर अपराध की स्थिति में साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

सुरक्षित और तेज मोबाइल भुगतान पर पेटीएम का फोकस
पेटीएम भारत में मोबाइल भुगतान के क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है। कंपनी ने मजबूत फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम, यूजर प्रोटेक्शन मैकेनिज्म और अत्याधुनिक एन्क्रिप्शन तकनीकें लागू की हैं। पेटीएम नियमित रूप से कानून प्रवर्तन एजेंसियों और विशेषज्ञों के साथ सहयोग कर साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाता है।

तेज़ लेन-देन, आसान UPI अनुभव और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, पेटीएम को आज भारत का सबसे सुरक्षित और सबसे तेज मोबाइल भुगतान ऐप माना जाता है।

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