Edited By rajesh kumar,Updated: 07 Jun, 2023 01:59 PM
लाहौर में गत 6 मई को खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की गोली मार कर हत्या को पुलिस ने ‘एक सिख की हत्या’ बताकर केस दर्ज किया था।
गुरदासपुर विनोद): लाहौर में गत 6 मई को खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की गोली मार कर हत्या को पुलिस ने ‘एक सिख की हत्या’ बताकर केस दर्ज किया था। इस हत्या को लेकर पाकिस्तानी पुलिस, पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. सहित पाकिस्तान सरकार की चुप्पी तथा हत्यारों का पता लगाने के लिए कोशिश तक नहीं करने को लेकर पाकिस्तान में शरण लिए बैठे आतंकियों ने आई.एस.आई. अधिकारियों से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज करवाया।
आतंकी संगठनों की आपात संयुक्त मीटिंग लाहौर के बाहरी इलाके में एक कोठी में हुई जिसकी अगवाई खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के मुखी रंजीत सिंह नीटा ने की। मीटिंग में पहले तो कुछ आतंकवादियों ने रंजीत सिंह नीटा पर ही परमजीत सिंह पंजवड़ की हत्या करवाने का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि पंजवड़ को आई.एस.आई. द्वारा भारत में नशीले पदार्थ आदि भेजने का इंचार्ज बनाने से गुस्से में आकर नीटा ने ही उसकी हत्या करवाई थी परंतु बाद में कुछ अन्य लोगों के हस्तक्षेप से मामला शांत हो गया। नीटा ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब सहित अपनी बेटी की सौगंध लेकर सभी को विश्वास दिलाया कि पंजवड़ की हत्या में उसका किसी तरह से हाथ नहीं है।
मीटिंग के बाद ये आतंकी नेता दोपहर लगभग 12 बजे कई वाहनों में सवार होकर पुलिस सुरक्षा में आई.एस.आई. कार्यालय पहुंचे व आई.एस.आई. अधिकारियों से बात करने की मांग की। लगभग 1 घंटा 20 मिनट इंतजार करने के बाद आई.एस.आई. अधिकारी ने केवल 5 लोगों को मिलने की इजाजत दी। नीटा की अगुवाई में 5 खालिस्तानी समर्थकों ने मीटिंग की। मीटिंग के बाद सभी खालिस्तानी समर्थक अधिकारी के व्यवहार से निराश दिखाई दिए तथा वापस उसी रिहायश में आ गए जहां से गए थे। उसके बाद फिर बंद कमरे में इनकी मीटिंग शुरू हुई परंतु मीटिंग में क्या निर्णय लिया गया, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी।