AI का चमत्कारः पाकिस्तान में लापता हिंदू लड़की 17 वर्ष बाद मिली अपने परिवार से

Edited By Updated: 26 Nov, 2025 07:39 PM

ai reunites pakistani woman with family after 17 years

पाकिस्तान में 2008 में लापता हुई किरण को 17 साल बाद एआई और चेहरे की पहचान तकनीक ने उसके परिवार से मिलवा दिया। ईधी फाउंडेशन की कोशिशों और साइबर विशेषज्ञ नबील अहमद की तकनीकी मदद से किरण के पिता का पता चला। परिवार ने सालों तक उसकी खोज की थी।

Islamabad: पाकिस्तान में एक ‘लापता लड़की' को उसके परिवार से 17 वर्ष बाद मिला दिया गया और इस काम को अंजाम देने में कृत्रिम मेधा और चेहरे की पहचान करने वाले एक सॉफ्टवेयर ने बड़ी भूमिका निभायी। किरण वर्ष 2008 में इस्लामाबाद स्थित अपने मोहल्ले में आइसक्रीम खरीदने के लिए घर से निकली थीं। इस दौरान वह रास्ता भटक गईं और अपना घर नहीं ढूंढ पायी। किरण अब 27 साल की है, उन्होंने बताया, "मैं खोई हुई थी और रो रही थी। मुझे याद है कि एक दयालु महिला मुझे इस्लामाबाद के ईधी सेंटर ले गई थी क्योंकि मुझे कुछ भी याद नहीं था।"

 

कुछ दिनों बाद, दिवंगत अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिलकिस ईधी (जिन्होंने 'ईधी फाउंडेशन' नामक एनजीओ की स्थापना की थी) उन्हें कराची ले गईं। तब से, किरण कराची के अब्दुल सत्तार ईधी आश्रय गृह में बिलकिस की देखरेख में पली-बढ़ी। फाउंडेशन के वर्तमान अध्यक्ष फैसल ईधी की पत्नी सबा फैसल ईधी ने बताया कि किरण के माता-पिता का पता लगाने के लिए वह कई  बार इस्लामाबाद गयी, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस साल की शुरुआत में, फाउंडेशन ने पंजाब में सेफ सिटी प्रोजेक्ट के साथ काम कर रहे साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ नबील अहमद से संपर्क किया। यह पहल 2018 में वहां की प्रांतीय सरकार द्वारा शुरू की गई थी।

 

सबा ने कहा, "हमने उन्हें किरण की नवीनतम तस्वीरें और उनके बचपन और आस-पड़ोस के बारे में जो भी थोड़ी-बहुत जानकारी वह दे सकती थीं, वह सब उपलब्ध कराई।" नबील ने इस मामले में गहरी दिलचस्पी ली। उन्होंने इस्लामाबाद में एक लापता लड़की की पुलिस रिपोर्ट का पता लगाया और नवीनतम एआई तकनीक, चेहरे की पहचान और ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके लड़की के परिवार का पता लगाने में कामयाब रहे।

 

इसके तुरंत बाद, पेशे से दर्जी अब्दुल मजीद अपनी बेटी को घर ले जाने के लिए कराची पहुंच गए। उन्होंने बताया कि उन्होंने और उनके परिवार ने किरण को सालों तक ढूंढा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाया। "हमने कुछ अखबारों में उसकी तस्वीर भी छपवाई, लेकिन कोई भी किरण को नहीं ढूंढ पाया।" किरण ईधी आश्रय गृह की पांचवीं लड़की है, जिसके परिवार का पता लगा लिया गया है, क्योंकि फाउंडेशन अब पूरे पाकिस्तान में पुलिस और सुरक्षित शहर परियोजनाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है।

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