Edited By Tanuja,Updated: 04 Jun, 2025 07:20 PM

चीन के अधिकतर लोगों के लिए लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों को कुचलने वाली खूनी कार्रवाई की 36वीं बरसी सामान्य दिनों की तरह ही गुजरी और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी भी यही चाहती थी...
Bejing: चीन के अधिकतर लोगों के लिए लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों को कुचलने वाली खूनी कार्रवाई की 36वीं बरसी सामान्य दिनों की तरह ही गुजरी और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी भी यही चाहती थी। बुधवार को बीजिंग के थ्येनआनमन स्क्वायर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही, जहां 1989 में कई सप्ताह तक छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुए थे। तत्कालीन नेता देंग श्याओपिंग के नेतृत्व में तीन-चार जून की रात विरोध प्रदर्शन को खत्म करने के लिए सेना को भेजा गया।
सैनिकों ने गोलाबारी करते हुए सड़कों पर मौजूद भीड़ को खदेड़ दिया, जो उन्हें चौराहे तक पहुंचने से रोकने की कोशिश कर रही थी। इस घटना में हजारों लोग मारे गए जिनमें दर्जनों सैनिक भी शामिल थे। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने 1989 की ‘‘राजनीतिक उथल-पुथल'' को सामूहिक स्मृति से मिटाने का प्रयास किया है, जिसमें उसे कुछ हद तक सफलता भी मिली है। इसने चार जून की घटना की याद में किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम या इसके उल्लेख पर प्रतिबंध लगा रखा है तथा यह इंटरनेट से भी घटना के संदर्भों को मिटाने का प्रयास करती रहती है।