नासा से मुकाबला, मंगल पर पहुंचने की तैयारी में है चीन

Edited By Ashish panwar,Updated: 20 Jan, 2020 12:15 AM

china nasa usa mars xi jinping

चीन की स्पेस एजेंसी नासा से रेस लगाते हुए इस साल के बीच में मंगल तक पहुंचने की तैयारी में है। अमेरिका के साथ अपनी प्रतिद्वंद्विता को चीन दूसरे ग्रह तक ले जा रहा है।ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। इस मिशन को लाल ग्रह पर भेजकर राष्ट्रपति शी...

इंटरनेशनल डेस्कः चीन की स्पेस एजेंसी नासा से रेस लगाते हुए इस साल के बीच में मंगल तक पहुंचने की तैयारी में है। अमेरिका के साथ अपनी प्रतिद्वंद्विता को चीन दूसरे ग्रह तक ले जा रहा है।ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। इस मिशन को लाल ग्रह पर भेजकर राष्ट्रपति शी चिनफिंग चीन को स्पेस सुपरपावर के रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं। चीन का रोवर पहले से ही चंद्रमा पर है और अपना स्पेस स्टेशन, लूनर बेस बनाने और 2030 तक क्षुद्रग्रहों की तलाश की योजना है।

 

नॉन प्रॉफिट फाउंडेशन द प्लेनेट्री सोसायटी के सोलर सिस्टम स्पेशलिस्ट इमिले लकडावाला ने कहा, 'वैश्विक मंच पर तकनीक कौशल का प्रदर्शन प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। वे लेंडिंग में कामयाब रहे तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। चीनी वैज्ञानिक 39 मिलियन माइल्स दूर मंगल ग्रह तक पहुंच बनाने को बेताब है, जिसे मंदारिन भाषा में हूजिंग या फायर स्टार कहा जाता है। मंगल और पृथ्वी ऑर्बिट में उस समय नजदीक होंगे। ऐसा हर 26 महीने में होता है। अमेरिका, यूरोप, रूस और यूनाइडेट अरब अमीरात की स्पेस एजेंसियां जुलाई या अगस्त में रेकॉर्ड संख्या में रोबोटिक मिशन लॉन्च करेंगी, जब दोनों ग्रह सबसे नजदीक होंगे। प्राइवेट सेक्टर में एलन मस्क की स्पेस एजेंसी और रिचर्ड ब्रान्सन का वर्जिन ऑर्बिट एलएलसी भी मार्स पर जाने की तैयारी में हैं।
 

 

सबसे बड़ी बात यह है कि इन खोजों से वैज्ञानिकों को यह पता चल सकेगा कि मानव ब्रह्मांड में कहीं और रह सकते हैं या नहीं। मंगल को काफी हद तक पृथ्वी के जैसा समझा जाता है और इन मिशनों से और परतें खुल पाएंगी। चीन ने 2012 में भी मंगल पर जाने की कोशिश की थी, लेकिन तब उसका स्पेशक्राफ्ट क्रैश हो गया था। संभवत: इस साल गर्मियों में चीन दूसरा प्रयास करेगा। यदि यह प्रयास सफल रहा तो एक ऑर्बिटर मंगल की परिक्रमा करेगा और रोवर सतह पर उतरेगा। इस यात्रा में सात महीने लगेंगे। एक विशेषज्ञ ने कहा, 'चीन का मिशन बेहद जटिल है, जिसमें ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल हैं। यदि इसमें सफलता मिली तो चीन के स्पेस प्रोग्राम के लिए बड़ी सफलता होगी।'

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!