चीन-अमेरिका 'टैरिफ युद्धविराम' बढ़ाने पर सहमत, स्टॉकहोम में दो दिवसीय बैठक खत्म

Edited By Updated: 29 Jul, 2025 10:54 PM

china us agreed to extend the tariff truce

चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर एक अहम फैसला सामने आया है। चीन के वाणिज्य उप मंत्री ली चेंगगांग ने घोषणा की है कि दोनों देशों ने टैरिफ ट्रूस यानी आयात-निर्यात पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क को रोकने के समझौते को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है।

स्टॉकहोम: चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर एक अहम फैसला सामने आया है। चीन के वाणिज्य उप मंत्री ली चेंगगांग ने घोषणा की है कि दोनों देशों ने टैरिफ ट्रूस यानी आयात-निर्यात पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क को रोकने के समझौते को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है।

यह घोषणा ली चेंगगांग ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई व्यापारिक बातचीत के बाद एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान की। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच "खुलकर और गहराई से बातचीत" हुई, जिसमें व्यापार से जुड़े कई बड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।

क्या है टैरिफ ट्रूस (Tariff Truce)?

टैरिफ ट्रूस का मतलब है कि दो देशों के बीच एक-दूसरे के सामान पर आयात शुल्क (Import Tariffs) बढ़ाने से फिलहाल परहेज़ किया जाएगा। यह समझौता व्यापारिक तनाव को कम करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए किया जाता है।

2018–2019 के दौरान अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर (व्यापार युद्ध) शुरू हो गया था, जब दोनों देशों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर भारी टैक्स लगा दिए थे। इसका असर वैश्विक बाजारों और अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ा था। तब से अब तक कई बार इस ट्रूस को नवीनीकृत किया गया है।

बातचीत में और क्या हुआ?

ली चेंगगांग ने बताया कि अमेरिका और चीन ने न सिर्फ टैरिफ ट्रूस बढ़ाने पर सहमति जताई, बल्कि मैक्रोइकोनॉमिक मुद्दों (जैसे मुद्रास्फीति, ब्याज दरें, वैश्विक विकास दर) पर भी विचार-विमर्श किया।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लिए सुदृढ़ व्यापारिक संबंध बनाए रखना बेहद जरूरी है, और इस दिशा में बातचीत को आगे भी जारी रखा जाएगा।

आर्थिक दृष्टिकोण से क्या है इसका असर?

  • वैश्विक बाजारों के लिए राहत: यह समझौता निवेशकों और व्यापारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अस्थिरता कम होने की संभावना है।

  • भारतीय बाजार पर असर: भारत जैसे देशों के लिए यह स्थिति व्यापार के नए अवसर खोल सकती है, खासकर यदि अमेरिका और चीन कुछ उत्पादों की आपूर्ति में कटौती करें या नए साझेदार खोजें।

  • कंपनियों के लिए स्थिरता: अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को अपने लॉजिस्टिक्स और प्रोडक्शन रणनीति को स्थिर रखने का मौका मिलेगा।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!