यह गर्मी यूरोप की नदियों और ऊर्जा सुरक्षा के लिए संकट है

Edited By DW News,Updated: 31 Mar, 2023 05:42 PM

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यह गर्मी यूरोप की नदियों और ऊर्जा सुरक्षा के लिए संकट है

अपेक्षाकृत कम बर्फ के साथ गर्म सर्दी का मतलब है कि गर्मियों में यूरोप की नदियों में पानी कम हो जाएगा. इसके लिए परमाणु और हाइड्रोपॉवर उत्पादन पर पुनर्विचार करने की जरूरत होगी.यूरोप में अपेक्षाकृत हल्की सर्दी ने पिछली सर्दी की तरह ऊर्जा संकट की स्थिति से तो बचा लिया लेकिन सर्दियों के मौसम में जिस तरह गर्मी पड़ रही है, वह अब दूसरे तरीके से एनर्जी सिस्टम को खतरे में डाल रहा है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी में गैस एनालिस्ट गेर्जेली मोलनार कहते हैं, "इस समय हम लोग सर्दियों की शुरुआत की तुलना में ज्यादा आरामदायक स्थिति में हैं. अगस्त की तुलना में गैस की कीमतें करीब 80 फीसद कम हुई हैं और स्टोरेज लेवल पिछले साल की तुलना में करीब दोगुना हुआ है. लेकिन सावधानी जरूरी है.” मोलनार आगे कहते हैं, "यूरोपियन और ग्लोबल गैस मार्केट अभी भी कमजोर बने हुए हैं. कोई भी बाहरी जोखिम उन्हें अस्थिर कर सकता है. इस साल सिस्टम में ज्यादा लचीलापन नहीं बचा है.” यूरोपियन यूनियन में साल-दर-साल गैस की मांग कम होते-होते 2022 में 13 फीसद तक पहुंच गई, जो कि एक रिकॉर्ड है. इस बीच, आईईए के मुताबिक, हाइड्रोपॉवर से पैदा होने वाली बिजली जो कि टर्बाइनों में बहने वाले पानी से बनती है, में भी 2022 में 18 फीसद की कमी आई है. इस गिरावट के बिना यूरोप और भी ज्यादा गैस बचा सकता था और ऐसा करना जरूरत भी थी क्योंकि बिजली के बड़े उत्पादक रूस ने पिछले साल यूरोप को आपूर्ति में कटौती कर दी थी. कम हाइड्रोपॉवर का मतलब है ज्यादा जीवाश्म ईंधन मोलनार कहते हैं कि हाइड्रोपॉवर प्रोडक्शन में आई गिरावट की वजह से गैस की खपत में बढ़ोत्तरी हुई. ऐतिहासिक दृष्टि से, हाइड्रोपॉवर यूरोप में अक्षय ऊर्जा का दूसरा सबसे बड़ा बिजली का स्रोत है. यूरोस्टैट के मुताबिक, साल 2020 में यूरोपियन यूनियन की कुल बिजली में 17 फीसद हिस्सा हाइड्रोपॉवर का ही था. मोलनार कहते हैं, फ्रांस में शुष्क सर्दियों और आल्प्स पर्वत पर पड़ी कम बर्फ के बावजूद, इस समय, यूरोप के जलाशयों में 2022 की तुलना में पानी ज्यादा है. वो कहते हैं, "लेकिन जलाशयों के जल स्तर में बहुत उतार-चढ़ाव होता है. हाइड्रोपॉवर उत्पादन को लेकर बहुत अनिश्चितता रहती है.” इंटरनेशनल हाइड्रेपॉवर एसोसिएशन का कहना है कि जलवायु मिटिगेटर्स और एडेप्टर्स की तरह काम करते हुए एनर्जी ट्रांजीशन के समर्थन में महत्वपूर्ण निवेश की जरूरत है. आईएचए के हेड ऑफ रिसर्च एंड पॉलिसी एलेक्स कैंपबेल ने डीडब्ल्यू को बताया, "सोलर और विंड टेक्नोलॉजी के बढ़ने से ही ग्रिड लेवल फ्लेक्सिबिलिटी की जरूरत भी बढ़ रही है. नए इंफ्रास्ट्रक्चर बाढ़ और सूखे को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं.” गर्मियों में जल स्तर में कमी और पानी के तापमान में बढ़ोत्तरी परमाणु ऊर्जा के उत्पादन को भी प्रभावित कर सकती है क्योंकि नदियों के पानी को अक्सर परमाणु कचरे से निकलने वाली गर्मी को संभालने में किया जाता है. पानी के तापमान से परमाणु ऊर्जा को खतरा मोलनार कहते हैं, "यदि नदियों का तापमान एक निश्चित स्तर से ऊपर चला जाता है तो यह परमाणु बेड़े को प्रभावित कर सकता है. पिछले साल हमने देखा था लेकिन उससे पहले भी फ्रांस और बेल्जियम में यह प्रभाव देखा जा चुका है.” वो कहते हैं, "नदियां कोयले के परिवहन का भी केंद्र हैं. यदि राइन नदी का जल स्तर एक बार गिर गया तो कोयला संयंत्रों के सामने लॉजिस्टिक संकट खड़ा हो जाएगा. लेकिन कोल ऑपरेटर्स के बाद कोयले का स्टॉक रहता है, इसलिए जल स्तर में कमी तत्काल कोई समस्या नहीं खड़ी करेगी.” कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विसेज (C3S) के डायरेक्टर कार्लो बुओंतेम्पो कहते हैं कि इन दीर्घकालीन रुझानों पर ध्यान देने और एनर्जी सिस्टम के बारे में फिर से सोचने की जरूरत है. डीडब्ल्यू से बातचीत में बूनटेंपो कहते हैं कि इस साल की जनवरी यानी जनवरी 2023, यूरोप के रिकॉर्ड में तीसरी सबसे गर्म जनवरी थी, "2022 सबसे गर्म आठ वर्षों में से एक था और बाकी के सात वर्ष भी पिछले आठ वर्षों में ही शामिल हैं. कहने का मतलब, यूरोप की सर्दियां लगातार गर्म होती जा रही हैं.” बर्फ के पिघलने का लेखा-जोखा तैयार करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में पूर्वानुमान की जरूरत होती है क्योंकि बर्फ सर्दियों में जमी रहती है और गर्मियों में पिघल जाती है. लेकिन पिछले तीस साल में यूरोप के ग्लेसियर्स के बर्फ की मोटाई औसतन तीस मीटर तक कम हो गई है. ग्लेसियर्स और पहाड़ों पर मौजूद बर्फ की मात्रा भी जलस्तर के आगे बढ़ने के लिए उतनी ही खतरनाक है. बूनटेंपो कहते हैं, "इस साल हमारी स्थिति पिछले साल की तरह नहीं है. पिछले साल की तुलना में, अब एक अतिरिक्त चुनौती भी है. हम एक शुष्क वर्ष से आ रहे हैं. यूरोप के कई हिस्से अभी भी लगभग सूखे वाली स्थिति में हैं.” गर्मियों में ठंडी के लिए ज्यादा बिजली की जरूरत है गर्मी के मौसम के साथ-साथ बसंत ऋतु में बारिश भी नदियों के जल स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कारक है. गर्मियों में उच्च तापमान, पानी के तापमान और फिर वाष्पन को भी बढ़ाते हैं जिसकी वजह से बिजली की मांग भी काफी बढ़ जाएगी, खासकर उत्तरी यूरोप में. बूनटेंपो कहते हैं, "तापमान बढ़ने से शहरों और अन्य जगहों पर एअर कंडीशनिंग की मांग बढ़ जाती है. उत्तरी यूरोप में सबसे ज्यादा बिजली की मांग सर्दियों में होती है, लेकिन अब हम गर्मियों में भी इसी तरह बिजली की मांग बढ़ती देख रहे हैं.” अप्रत्याशित जलवायु घटनाएं यूरोपीय संघ की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक नया खतरा पैदा कर रही हैं. बूनटेंपो याद करते हैं कि कैसे 2021 में यूरोप ने एक वायु सूखे यानी हवा की कमी का सामना किया था. वो कहते हैं, "हम सबसे खराब स्थिति का उपयोग करके खतरों की गहराई में जा सकते हैं और फिर वहीं से संदर्भ बिंदु के रूप में शुरुआत कर सकते हैं.” रिस्क मॉडलिंग और विश्वसनीय आंकड़े तैयार करना समय की जरूरत है. C3S के डायरेक्टर कहते हैं, "हमें अपनी जानकारी का लाभ उठाते हुए इस बात का पता करना है कि इस साल क्या हो सकता है. जैसे, आल्प्स में बर्फ है. ऐसे में अप्रैल-मई के पूर्वानुमान गर्मियों के बारे में हमारा बेहतर मार्गदर्शन कर सकते हैं.” रिपोर्ट: सर्गियो मातालूच्ची

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे DW फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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