Edited By Tanuja,Updated: 01 Jul, 2025 01:55 PM

गाजा अब युद्ध का मैदान नहीं, बल्कि एक ऐसा क्षेत्र बन चुका है, जहां आम नागरिक हर पल मौत के साए में जी रहे हैं। मोबाइल चार्ज करना, इंटरनेट चलाना या खाना लेना भी यहां जानलेवा...
International Desk: गाजा अब युद्ध का मैदान नहीं, बल्कि एक ऐसा क्षेत्र बन चुका है, जहां आम नागरिक हर पल मौत के साए में जी रहे हैं। मोबाइल चार्ज करना, इंटरनेट चलाना या खाना लेना भी यहां जानलेवा बन गया है। गाजा के अल-बाका नामक एक साधारण कैफे पर सोमवार को इजरायली सेना ने हवाई हमला किया। यह हमला उस वक्त हुआ जब वहां लोग मोबाइल चार्ज कर रहे थे और इंटरनेट से जुड़ने की कोशिश कर रहे थे। इस हमले में कम से कम 30 नागरिकों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमला बिना किसी चेतावनी के हुआ। कुछ ही सेकंड में कैफे खून और धुएं से भर गया। चश्मदीद अली अबू अतैला ने बताया कि, “हम लोग मोबाइल चार्ज कर रहे थे, तभी अचानक जोरदार धमाका हुआ और सब कुछ हिल गया।”गाजा में सोमवार को अलग-अलग हमलों में कुल 74 नागरिकों की मौत हुई।गाजा की एक सड़क पर हमले में 15, कैफे में 30 और जवायदा शहर में इमारत पर हमले 6 लोगों की मौत हो गई। गाजा के दक्षिणी इलाके में एक राहत केंद्र से खाना लेने गए लोगों पर भी हमला हुआ। इस दौरान 11 नागरिक मारे गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हमला टैंकों से किया गया और सैनिकों ने सीधे भीड़ पर गोली चलाई। एक महीने में 500 से अधिक लोगों की मौत सिर्फ खाना लेने के दौरान हो चुकी है।
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इजरायली सेना ने कहा कि वह इन घटनाओं की जांच कर रही है। उनका कहना है कि जब कोई संदिग्ध व्यक्ति सैनिकों के करीब आता है, तो चेतावनी स्वरूप गोली चलाई जाती है। इजरायल और अमेरिका चाहते हैं कि गाजा में मानवीय सहायता संयुक्त राष्ट्र की बजाय दूसरे संगठनों द्वारा दी जाए। उनका आरोप है कि हमास इस सहायता को हथिया लेता है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।