भारत के खिलाफ नई साजिश! रोहिंग्याओं को आतंक की ट्रेनिंग दे रहा पाकिस्तान, मसूद अजहर को मिली बड़ी जिम्मेदारी

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 07 Jun, 2025 03:55 PM

pakistan is giving terrorism training to rohingyas

पाकिस्तान का कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अब भारत को घेरने के लिए एक नई चाल चल रहा है। ख़ुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश ने अब म्यांमार यानी बर्मा में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। यह संगठन अब वहां रोहिंग्या मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की...

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान का कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अब भारत को घेरने के लिए एक नई चाल चल रहा है। ख़ुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश ने अब म्यांमार यानी बर्मा में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। यह संगठन अब वहां रोहिंग्या मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ट्रेनिंग देकर भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की योजना पर काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि इस मिशन की कमान खुद मसूद अजहर ने संभाली है। रिपोर्ट के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद ने म्यांमार के एक युवक को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित अपने ट्रेनिंग कैंप में बुलाया था। यह वही बालाकोट है जिसे भारत ने 2019 में पुलवामा हमले के जवाब में एयरस्ट्राइक कर तबाह कर दिया था। अब उसी इलाके से फिर आतंक की साजिशें रची जा रही हैं। ट्रेनिंग के बाद वह युवक वापस म्यांमार गया और अब वहां एक ‘अमीर’ यानी जिहादी कमांडर के नेतृत्व में काम कर रहा है। इतना ही नहीं जैश ने म्यांमार में हथियारों और ऑपरेशन के लिए करीब 42 लाख रुपये (लगभग 50 हजार डॉलर) की रकम भेजी है।

रोहिंग्या युवाओं को बनाया जा रहा है आतंक का मोहरा

जैश की नई रणनीति में रोहिंग्या समुदाय के ग़रीब और बेरोजगार युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर ले जाना शामिल है। म्यांमार के रखाइन राज्य में पहले से ही अशांति फैली हुई है। ऐसे में वहां पर आतंकी संगठनों के लिए ज़मीन तैयार है। यही नहीं रिपोर्ट्स का दावा है कि इन युवाओं को भारत के अंदर सक्रिय किया जा सकता है, खासकर उन राज्यों में जहां रोहिंग्या शरणार्थी पहले से मौजूद हैं — जैसे जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और हैदराबाद।

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गंभीर खतरा

जैश की यह साजिश भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक नया सिरदर्द बन सकती है। मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड जैसे राज्य म्यांमार की सीमा से सटे हुए हैं। इन इलाकों में पहले से ही उग्रवाद की समस्या है। अब अगर म्यांमार जैश-ए-मोहम्मद का नया अड्डा बनता है तो भारत में आतंकियों और हथियारों की घुसपैठ और भी आसान हो सकती है।

भारत-म्यांमार संबंधों पर पड़ सकता है असर

भारत और म्यांमार के रिश्ते रणनीतिक रूप से काफी अहम हैं। भारत की 'Act East Policy' और भारत-म्यांमार-थाईलैंड ट्रायलेटरल हाईवे और कलादान मल्टी-मोडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाएं म्यांमार की स्थिरता पर निर्भर करती हैं। अगर जैश जैसे आतंकी संगठन म्यांमार की ज़मीन का इस्तेमाल भारत विरोधी साजिशों के लिए करते हैं तो इन रिश्तों में तनाव आ सकता है।

 

 

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