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ड्रैगन के सामने दहाड़ते रहे Rajnath Singh, चुपचाप सिर झुकाए बैठे रहे PAK के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 26 Jun, 2025 10:46 AM

rajnath attack on pakistan khawaja asif appeared bowing down in front of china

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और चीन को साफ शब्दों में चेतावनी दी है। उन्होंने इस मंच से स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ...

इंटरनेशनल डेस्क। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और चीन को साफ शब्दों में चेतावनी दी है। उन्होंने इस मंच से स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।

पाकिस्तान के सामने खुली चेतावनी: 'ऑपरेशन सिंदूर' और पुलवामा का जिक्र

बैठक में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी मौजूद थे। राजनाथ सिंह ने उन्हीं के सामने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तानी नेता को जमकर खरी-खोटी सुनाई। राजनाथ सिंह ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि 22 अप्रैल 2025 को 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' नाम के आतंकी संगठन ने निर्दोष पर्यटकों को मार डाला जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। उन्होंने बताया कि इस संगठन का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से है जो पहले से ही संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में है।

राजनाथ सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए कहा कि निर्दोषों का खून बहाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि कुछ देश आतंकवाद का समर्थन करते हैं और सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति का हिस्सा बना चुके हैं।

 

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आतंकवाद और शांति साथ-साथ नहीं चल सकते

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद आज के समय की सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं। उन्होंने दोहराया कि शांति और आतंकवाद साथ-साथ नहीं रह सकते और इसके लिए निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने सभी SCO सदस्य देशों से आह्वान किया कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि जो देश आतंकवादियों को पनाह देते हैं और सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं उनके दोहरे रवैये को अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने SCO से ऐसे देशों की खुलकर आलोचना करने और आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाने का आग्रह किया।

अपने संबोधन में उन्होंने सहयोग और संवाद के महत्व पर जोर दिया, कहा कि कोई भी देश कितना भी बड़ा क्यों न हो अकेले काम नहीं कर सकता। सभी को मिलकर संवाद और सहयोग से काम करना होगा। यह भारत की प्राचीन सोच 'सर्वे जना सुखिनो भवन्तु' (सबका कल्याण हो) को भी दर्शाता है।

 

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चीन और रूस के साथ द्विपक्षीय बैठक की संभावना

राजनाथ सिंह की इस यात्रा के दौरान उनके चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून और रूसी रक्षा मंत्री के साथ अलग से द्विपक्षीय बैठकें होने की भी संभावना है। यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मई 2020 में भारत-चीन सीमा विवाद के बाद यह किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की पहली चीन यात्रा है। राजनाथ सिंह के किंगदाओ पहुंचने पर भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून ने व्यक्तिगत रूप से राजनाथ सिंह का स्वागत किया और बैठक से पहले सभी देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ ग्रुप फोटो भी ली गई।

चीन पहुंचने से पहले राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर कहा था कि वे वैश्विक शांति और सुरक्षा को लेकर भारत के दृष्टिकोण को साझा करने और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर कदम उठाने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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