Edited By Tanuja,Updated: 22 Sep, 2025 07:04 PM

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ साइंस और टेक्नोलॉजी टैलेंट को खींचने की वैश्विक होड़ तेज़ हो गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीज़ा पर 1 लाख डॉलर की फीस लागू करने के बीच चीन के बड़े ऐलान...
London: दुनिया के सर्वश्रेष्ठ साइंस और टेक्नोलॉजी टैलेंट को खींचने की वैश्विक होड़ तेज़ हो गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीज़ा पर 1 लाख डॉलर की फीस लागू करने के बीच चीन के बड़े ऐलान बाद अब ब्रिटेन ने रिसर्चर्स और प्रोफेशनल्स को लुभाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। ब्रिटिश सरकार अपने Global Talent Visa पर पूरी तरह वीज़ा फीस माफ़ करने पर विचार कर रही है।
UK का मास्टरस्ट्रोक
प्रधानमंत्री कीअर स्टार्मर और चांसलर रैचेल रीव्स की निगरानी में चल रही Global Talent Taskforce ने संकेत दिया है कि टॉप यूनिवर्सिटीज़ से पढ़े या प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीतने वाले विशेषज्ञों के लिए यह वीज़ा बिल्कुल मुफ़्त किया जा सकता है।पहले से ही UK ने 54 मिलियन पाउंड का Global Talent Fund शुरू किया है, जिसमें रिसर्चर्स और उनकी टीमों को पांच साल तक रिसर्च और रिलोकेशन सपोर्ट दिया जाएगा। इसका मकसद ब्रिटेन को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का ग्लोबल हब बनाना है।
चीन का K-Visa प्रोग्राम
इसी बीच, चीन ने भी हाल ही में K-Visa प्रोग्राम लॉन्च किया है। यह वीज़ा खासतौर पर शिक्षा, विज्ञान, टेक्नोलॉजी और बिज़नेस सेक्टर के युवाओं और इनोवेटर्स को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विश्लेषकों का मानना है कि चीन इस स्कीम के जरिए अमेरिका और यूरोप से छिटक रहे टैलेंट को अपने यहां खींचना चाहता है।
ट्रंप की सख्ती ने बदला समीकरण
ट्रंप सरकार का नया फैसला अमेरिका में काम करना चाहने वाले हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और इंजीनियर्स के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पहले से ही अमेरिका का H-1B वीज़ा ग्लोबल टैलेंट का सबसे पॉपुलर रास्ता रहा है, लेकिन अब इसकी ऊंची लागत लोगों को चीन और ब्रिटेन की ओर मोड़ सकती है।
राजनीतिक विवाद भी
ब्रिटेन में इस कदम को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। फार-राइट पार्टी Reform UK ने Global Talent Visa को “गैर-जरूरी इमिग्रेशन बढ़ाने वाली योजना” बताया है। पार्टी प्रमुख नाइजल फराज ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो स्थायी निवास (ILR) का रास्ता बंद कर देगी।हालांकि, डाउनिंग स्ट्रीट ने उनके आरोपों को “अवास्तविक और समाज को बांटने वाली राजनीति” कहा।