Edited By Isha,Updated: 28 Apr, 2018 01:36 PM
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य रोहिंग्या संकट का आकलन करने के लिए बांग्लादेश और म्यांमार के लिए रवाना हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों की समिति बांग्लादेश के
संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य रोहिंग्या संकट का आकलन करने के लिए बांग्लादेश और म्यांमार के लिए रवाना हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों की समिति बांग्लादेश के लिए उड़ान भरने से पहले शुक्रवार को कुवैत में ठहरी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इस सप्ताहांत बांग्लादेश में रोहिंग्या शिविरों का दौरा करने के बाद सदस्य सोमवार को म्यांमार की राजधानी पहुंचेंगे। वे अगस्त 2017 में शुरू हुई हिंसा से प्रभावित रखाइन प्रांत का भी दौरा करेंगे, जहां से सर्वाधिक लोगों को पलायन करना पड़ा। मानवीय मामलों के समन्वयक कार्यालय के मुताबिक म्यांमार से बांग्लादेश पहुंची रोहिंग्या शरणार्थियों की आबादी 10 लाख से अधिक है।
जनवरी के बाद 8,000 शरणार्थी पहुंचे बांग्लादेश
रोहिंग्या द्वारा 25 अगस्त 2017 को रखाइन में म्यांमार के सरकारी बलों पर किए गए हमले के बाद से लगभग 6,70,000 शरणार्थी बांग्लादेश चले गए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा है कि जनवरी के बाद से लगभग 8,000 शरणार्थी बांग्लादेश पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश सरकार और वहां के लोगों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग से रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रति असाधारण उदारता दिखाई है।
90,000 से अधिक बच्चों को दी जा रही स्कूली शिक्षा
डुजारिक ने कहा, ‘अब तक 4,70,000 लोगों को भोजन का वितरण किया जा चुका है। 5,000 से अधिक पानी के साधन और 4700 शौचालय तैयार किए गए हैं। 90,000 से अधिक बच्चों को प्राथमिक स्कूली शिक्षा मुहैया कराई गई है।’ उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता साझेदारों ने जमीनी स्तर पर पीड़ितों को यौन एवं लिंग आधारित हिंसा से बचाने और उनकी मदद के लिए सुरक्षा निगरानी शुरू की है। इसके अलावा आगामी चक्रवात और मॉनसून सीजन को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। आपको बता दें कि बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में हजारों की संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें से अधिकतर शरणार्थियों के पास म्यांमार की नागरिकता नहीं है।