रतन टाटा के निधन पर अमेरिका में भी जबरदस्त शोक, सुंदर पिचाई बोले -"असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए"

Edited By Updated: 10 Oct, 2024 11:43 AM

us mourns death of industrialist ratan tata who  drove india to prosperity

अमेरिका ने बुधवार को वरिष्ठ उद्योगपति रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें भारत को अधिक समृद्धि तथा विकास की ओर...

Washington: रतन टाटा को न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में, विशेष रूप से अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों द्वारा शोक व्यक्त किया जा रहा है। उनकी विनम्रता, दयालुता और मानवता के प्रति उनके योगदान ने उन्हें वैश्विक स्तर पर एक मानवीय चेहरा दिया था। अमेरिका ने बुधवार को वरिष्ठ उद्योगपति रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें भारत को अधिक समृद्धि तथा विकास की ओर अग्रसर करने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया। टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा (86) ने एक छोटे से समूह को भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक में बदल दिया।

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उनका दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार रात निधन हो गया था। गूगल और अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘रतन टाटा के साथ गूगल में मेरी आखिरी मुलाकात में हमने ‘वेमो' की प्रगति के बारे में बात की और उनका दृष्टिकोण प्रेरणादायक था। वे एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं और उन्होंने भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को मार्गदर्शन और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।''

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अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) के अध्यक्ष अतुल केशप ने   को बताया कि पद्म विभूषण से सम्मानित व्यक्ति ‘‘भारत के अद्वितीय और महान पुत्र, कुलीनता और उदारता के आदर्श'' थे। ‘इंडियास्पोरा' के संस्थापक एम.आर. रंगास्वामी ने कहा, ‘‘इंडियास्पोरा समुह अत्यंत दुख के साथ रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करता है।'' उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘उद्योग जगत में उनके असाधारण योगदान और सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया पर अमिट छाप छोड़ी है। कॉर्नेल विश्वविद्यालय ने बताया कि टाटा ने यहीं से स्नातक किया था और वह इस विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़े दानदाता बन गए।

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विश्वविद्यालय के अंतरिम अध्यक्ष माइकल आई. कोटलिकॉफ ने कहा, ‘‘रतन टाटा ने भारत, कॉर्नेल और पूरे विश्व में एक असाधारण विरासत छोड़ी है। कॉर्नेल विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, आर्ट एंड प्लानिंग के डीन जे. मीजिन यून ने कहा, ‘‘जब रतन टाटा ने आर्किटेक्चर में डिग्री के साथ कॉर्नेल से स्नातक किया था, तो यह कल्पना करना असंभव था कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व, परोपकार और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का वैश्विक प्रभाव कई क्षेत्रों में शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में होगा।'' रतन टाटा 2006 से 2022 तक तीन बार कॉर्नेल के न्यासी रहे। उन्हें 2013 में कॉर्नेल का ‘आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर' नामित किया गया।  

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